कहते है उड़ान वहीं भरते हैं जो ऊँचा उड़ने का सपने देखते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया राफेल स्क्वाड्रन फाइटर पायलट शिवांगी सिंह ने। काफी मुश्किलों का सामना करने के बाद शिवांगी ने अपनी मंजिल को हासिल किया। आइये जानते हैं देश के सबसे ताकतवर विमान राफेल को उड़ाने वाली पहली महिला पायलट शिवांगी सिंह के बारे में,
वाराणसी से ताल्लुक रखने वाली शिवांगी सिंह २०१७ में वायु सेना में शामिल हुई थीं। शिवांगी सिंह के पिता का नाम कुमारेश्वर सिंह है और माता सीमा सिंह हैं। उनके पिता कुमारेश्वर सिंह टूर एंड ट्रैवेल का काम करते हैं। साल २०२० में फ्रांस से राफेल की पहली खेप भारत आई थी। जिससे अंबाला एयरबेस पर लैंड कराया गया। जिसमें शिवांगी सिंह को फाइटर विमान राफेल के स्क्वाड्रन गोल्डन ऐरो में पहली महिला फ्लाइट लेफ्टिनेंट के तौर पर शामिल किया गया। यह महिलाओं के साथ साथ देश के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है।
शिवांगी सिंह को ये जिम्मेदारी मिलने पर सबसे अधिक गर्व उनके परिवार के बाद उत्तर प्रदेश के लिए है। शिवांगी ने सनबीम विमेंस कॉलेज भगवानपुर से बीएससी की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही शिवांगी ने NCC ज्वाइन कर ली थी , शिवांगी स्पोर्ट्स मे काफी अच्छी थीं। उन्होंने जैकलिन थ्रो में नेशनल लेवल की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और स्वर्ण पदक जीता था। शिवांगी सिंह के नाना वीएन सिंह सेना में कर्नल थे। ऐसे में शिवांगी को देश की सेना के प्रति लगाव हमेशा से रहा।
बचपन में शिवांगी के नाना उन्हें एयरफोर्स का म्यूजियम दिखाने ले गए। तो शिवांगी ने वायुसेना के विमान और सैनिकों की यूनिफार्म देखी तो उनसे काफी उत्साहित हुई और एयरफोर्स ज्वाइन करने की ठान ली। और साल २०१७ में उन्हें देश की पांच महिला फाइटर पायलटों की टीम में लिया गया। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद शिवांगी मिग २१ की फाइटर पायलट बन गईं। इसके अलावा शिवांगी ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के साथ काम किया। और अब उन्हे राफेल उड़ाने का मौका मिला।