इस मंदिर में सोलह शृंगार करके पुरुष करते हैं देवी मां की पूजा

Date:

भारत एक ऐसा देश… जो विविधताओं से भरा हुआ है. इसे त्योहारो का भी देश कहा जाता है..जहां कई प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं और हर त्योहार की अलग- अलग परंपरा और रिति रिवाज होते हैं. इन्ही त्योहारों में से एक ऐसा त्योहार है जो केरल में मनाया जाता है. इस त्योहार में पुरुष महिलाओं की तरह साड़ी पहनकर पूजा अर्चना करते हैं. ये त्योहार मार्च के महीने में बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है. हर साल मनाए जाने वाले इस त्योहार की ख्याति पूरे भारत में हैं।

केरल के कोल्लम स्थित कोट्टनकुलंगरा श्री देवी मंदिर में इस त्योहार का आयोजन होता है. इसे चाम्याविलक्कू नाम से जाना जाता है.
यह एक बहुत प्रचीन मंदिर है जहां पूजा करने के लिए पुरुष श्रद्धालुओं को खास तैयारी करनी पड़ती है। इसके बाद ही उन्हें मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत दी जाती है।हिंदू मान्यताओं के अनुसार हर मंदिर में पूजा करने के अलग-अलग नियम कानून बनाए गए हैं। जिसे देखते हुए श्रीदेवी मंदिर में पूजा करने से पहले पुरुष श्रद्धालुओं को महिला की तरह ही सोलह शृंगार करना पड़ता है।

इस मंदिर को लेकर 2 मान्यताएं बहुत प्रचलित हैं पहली ये कि कई वर्षों पहले इस जगह पर कुछ चरवाहों ने महिलाओं की तरह कपड़े पहनकर पत्थर पर फूल चढ़ाए थे। इसके बाद पत्थर से दिव्य शक्ति निकलने लगी। बाद में इसे एक मंदिर का रूप दिया गया।
दूसरी मान्यता ये है कि कुछ लोग इस पत्थर पर मारकर नारियल फोड़ रहे थे। इसी दौरान पत्थर से खून बहने लगा। बाद में लोग यहां पूजा करने लगे। वहीं स्थानीय लोगों का मानना है कि मंदिर में मौजूद देवी की प्रतिमा हर वर्ष आकार में कुछ इंच बड़ी हो जाती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

चॉकलेट ड्रिप के साथ फल क्रीम केक

हर साल जैसे ही हमारा जन्मदिन कारीब आता है,...

सफलता की बाधाएं: महिला उद्यमियों के बारे में रोचक तथ्य

करीब पचास साल पहले अगर किसी ने महिला उद्यमी...

फलियों की कटाई के बजाय, एक दिन चॉकलेट का निर्माण प्रयोगशालाओं में बड़े पैमाने पर किया जा सकेगा

WWF की रिपोर्ट के अनुसार, कोको की फसल के कारण पश्चिम अफ्रीका, विशेषकर घाना और कोटे डी आइवर में हैरान-जनक वनों की कटाई हो रही है।