राजधानी में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद महिलाओं के पिंक टॉयलेट बनाए गए हैं। सार्वजनिक शौचालय भी बनाए गए हैं। लेकिन इनकी स्थिती काफी खराब है। 80% पिंक टॉयलेट में न तो बिजली की व्यवस्था है और न ही पानी की व्यवस्था है। सार्वजनिक शौचालय भी बदहाल हैं। गंदगी के कारण लोग इनमें जाने से कतराते हैं।
![](https://aapkiadira.com/wp-content/uploads/2023/04/image-121.png)
यह मामला नगर निगम चुनाव में उठाया जा रहा है। वहीं शहर में नेता और प्रत्याशी तमाम सुविधाएं विकसित करने का दावा और वादा करते हैं।
कोई महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट बनाने का वादा कर रहा है तो कोई बाजारों में सार्वजनिक शौचालय बनाने का वादा कर रहा है… लेकिन बाजारों में बने पिंक टॉयलेट की हालत किसी से छिपी नहीं है। खुद नगर निगम ने भी 2 महीने पहले एक सर्वे कराया था। जिसमें पब्लिक टॉयलेट की स्थिति बेहद खराब पाई गई थी।
हालांकि अपर नगर आयुक्त अवनींद्र कुमार सिंह ने इसके बाद संचालकों के खिलाफ सख्ती की थी। कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके बाद इसमें सुधार हुआ है। लेकिन तमाम अभी भी खराब है। टॉयलेट में बिजली के कनेक्शन तक नहीं है। जिसके कारण महिलाओं को इन पिंक टॉयलेट का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि नगर निगम सेफ सिटी योजना के अंतर्गत लखनऊ में 74 जगह पिंक टॉयलेट की योजना बनाई गई थी.. जिनमें से ज्यादातर तैयार हो गए लेकिन निर्माण के 2 साल बाद भी अभी तक कुछ का संचालन तक शुरु नहीं हो पाया है। लगभग 58 पिंक टॉयलेट काफी खराब हैं।