हिन्दू धर्म में चैत्र महीना बेहद ही पवित्र और शुभ माना जाता है। इसलिए क्योंकि इस महीने में साल के पहले नवरात्रि की शुुरुआत होती है जिसे चैत्र नवरात्र कहते है। इस महीने में माता शीतला की पूजा करना बेहद ही लाभकारी माना जाता है। आज हम आपको बतायेंगे कि चैत्र महीने में पूजा और खान-पान के क्या नियम है।
माता शीतला को क्या करें अर्पित
इस महीने में मां शीतला की पूजा होती है। ऐसे में उन्हें पूजा के दौरान नीम अर्पित कर उसका सेवन भी करने रोग दूर होते है। माता शीतला को रोगाणुओं का नाशक माना गया है। शास्त्रों के मुताबिक शीतला माता की पूजा सूर्योदय से पूर्व ठंडे में की जाती है। साथ ही इस माह में देर तक नहीं सोना चाहिए। सभी को सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्य क्रिया से निवृत होकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए और घर के आसपास मंदिर में बेलपत्र, केला, आंवला, बरगद, पीपल में जल अर्पित करना चाहिए। माना जाता है ऐसा करने से जन्मों जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं।
नवरात्रि में माता दुर्गा को कैसे करें प्रसन्न
हम सब जानते है कि चैत्र का महीना मां दुर्गा को समर्पित होता है, इस माह में नवरात्रि मनाई जाती है। इसलिए इस दौरान माता को लाल गुड़हल का फूल, लाल चुनरी जरुर चढ़ाएं। माना जाता है कि इससे मां जल्द खुश होती हैं और भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं। इस माह में देवी पुराण, भागवत कथा सुनना, घर में गीता, सुंदरकांड, रामचरितमानस का पाठ करना बेहद ही लाभदायक माना जाता है।