फ़ोर्ब्स की ‘अपना मुकाम खुद हासिल करने वाली’ 100 सबसे अमीर महिलाओं की सूची में भारतीय मूल की चार महिलाएं शामिल है। इसमें एक नाम पेप्सिको की पूर्व चेयरमैन व सीईओ इंदिरा नुई(Indra Nooyi) का भी है।
इंदिरा नुई का सफर आसान नहीं रहा है इन्होने अपने पहले जॉब इंटरव्यू के लिए एक वेस्टर्न सूट खरीदने के पैसे जुटाने के लिए नाइट शिफ्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर भी काम किया था। उस समय वह पढ़ाई कर रही थी। इंदिरा ने अपनी पूरी ज़िंदगी को एक किताब में समेटा है। इनकी किताब का नाम ‘माई लाइफ इन फुल:वर्क फैमिली एंड अवर फ्यूचर ”
![](https://aapkiadira.com/wp-content/uploads/2023/08/image-52.png)
साल 1994 में इंदिरा नुईIndra Nooyi) पेप्सिको कम्पनी के साथ कॉर्पोरेट स्ट्रैटेजी व डेवलपमेंट की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर जुड़ी थीं। जब उन्होंने पेप्सिको को ज्वाइन किया था ,उस वक़्त अमेरिका की 500 सबसे बड़ी कम्पनिओं में से एक में भी महिला सीईओ नहीं थी।
फ़ोर्ब्स के मुताबिक ,1 जून ,2023 तक इंदिरा नुई की कुल संपत्ति 350 मिलियन अमेरिकी डालर यानी करीब 2,890 करोड़ रूपये है। इंदिरा दुनिया की बेहतरीन सीईओ में गिनी जाती है।
किरण मजूमदार : कभी महिला होने के कारण नहीं मिली थी नौकरी ,आज करोड़ो की मालकिन है
किरण मजूमदार भारत की सबसे बड़ी लिस्टेड बायोफार्मास्युटिकल कम्पनी बायोकॉन की फाउंडर है। यह दुनिया की सबसे बड़ी दवा उत्पादन कम्पनी के रूप में जानी जाती है। किरण की कहानी उनकी कम्पनी बायोकॉन लिमिटेड के बिना अधूरी रहती है। किरण ने साल 1978 में महज 1200 रूपये के साथ कम्पनी की स्थापना की थी।
![](https://aapkiadira.com/wp-content/uploads/2023/08/image-53-edited.png)
ये एंजाइमों का विनिर्माण करने वाली देश की पहली कम्पनी है। जो विदेशो में भी दवा का निर्यात करती थी। साल 1989 के बाद बायोकॉन लिमिटेड भारत की पहली जैव प्रौद्योगिक कम्पनी बन गयी। लगातार कड़ी मेहनत के साथ साल 2003 तक मानव इन्सुलिन विकसित करने वाली पहली कम्पनी बन गयी। आज यह कम्पनी दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनी बन चुकी है.
किरण जी को नेशनल & इंटेरनेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया है। कोरोना काल में इन्होने दुनिया भर में दवा पहुंचाने में बहुत मदद की ,जिस कारण उन्हें और और और भी ज्यादा पहचान मिली।