वो कहते है न कि लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की हार नहीं होती ये लाइन चैन्नई की पेट्रीसिया नारायण पर एकदम सटीक बैठता है। पेट्रीसिया एक प्रेरणादायक भारतीय महिला उद्यमी हैं, जिन्होंने अपनी कठिनाइयों और संघर्षों से सफलता की मिसाल कायम की है। उनका जीवन सफर इस बात का उदाहरण है कि अगर जुनून, धैर्य और मेहनत हो तो कोई भी व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों को मात देकर सफलता हासिल कर सकता है।
50 पैसे से शुरू किया सफर
पेट्रीसिया नारायण की शादी बहुत कम उम्र में हुई थी, लेकिन उनका वैवाहिक जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा। पति से अलग होने के बाद उन्होंने अपने दो बच्चों के साथ अकेले जीवन की लड़ाई लड़ी। अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उन्होंने चेन्नई के मरीना बीच पर एक छोटा सा चाय और स्नैक्स का स्टॉल लगाया। शुरुआत में उन्हें दिनभर में मात्र 50 पैसे से 2 रुपये की कमाई होती थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
सफलता की कहानी
उनकी मेहनत और लगन से धीरे-धीरे ग्राहक बढ़ने लगे और उनकी कमाई भी बढ़ने लगी। बाद में उन्होंने “Sandeepha” नाम से अपना खुद का रेस्टोरेंट खोला, जो उनकी दिवंगत बेटी के नाम पर था। आज पेट्रीसिया नारायण सफल बिजनेसवुमन हैं और कई प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स से सम्मानित हो चुकी हैं, जिनमें FICCI Woman Entrepreneur of the Year (2010) शामिल है। उनकी कहानी यह सिखाती है कि जीवन में कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं, अगर हौसला और मेहनत हो तो हर चुनौती को पार किया जा सकता है।
बेटी के नाम पर रेस्टोरेंट
सब कुछ बेहतर हो रहा था, लेकिन एक दुखद घटना ने उनकी जिंदगी को हिला दिया। उनकी बेटी संदीपा का एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। इस हादसे के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी बेटी के नाम पर “Sandeepha” नाम से रेस्टोरेंट खोला।
सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंची
आज Sandeepha Chain of Restaurants चेन्नई की मशहूर फूड चेन बन चुकी है। वह हर दिन 2 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई करती हैं। 2010 में उन्हें FICCI Woman Entrepreneur of the Year Award से सम्मानित किया गया।