क्या है प्रेग्नन्सी के लिए उम्र ? किस ऐज के बाद बच्चा कंसीव करने पर आती हैं दिक्कतें।

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Pregnancy Tips: बच्चा पैदा करने के लिए सबसे जरुरी है सही उम्र की जानकारी होना, दिक्कतें तब होती हैं जब लोग थोड़ा और…थोड़ा और करते-करते समय से आगे निकल जाते हैं। हाल ही में एक महिला के 74 साल की उम्र में मां बनने का मामला सामने आया था, लेकिन क्या आप जानती है कि बच्चा कंसीव करने और प्रेग्नेंसी के लिए सही उम्र क्या होती है? अगर नहीं, तो चलिए जानते हैं:

आजकल के समय में लड़के-लड़कियां शादी को लेकर जल्दबाजी नहीं दिखाते हैं। यहां तक कि पैरंट्स भी पहले बच्चों के अच्छे से सेटल हो जाने का इंतजार करते हैं और फिर उनके लिए रिश्ता देखते हैं। जिससे मैरिड कपल को ज्यादा बेहतर जीवन जीने में सहायता मिले। लेकिन बात प्रेग्नेंसी की हो तो इसके लिए एक उम्र के बाद महिलाओं को कंसीव करने में बहुत ज्यादा दिक्कत आने लगती है।

प्रेग्नन्सी के लिए क्या है परफेक्ट टाइमिंग

एक सही टाइम पर प्रेग्नेंट न होने पर बच्चा कंसीव करने में कई दिक्कतें होती हैं। इसलिए यह अक्सर कहा जाता है कि एक ठीक-ठाक उम्र में बच्चे पैदा कर लेना चाहिए। नहीं तो कई तरह की हेल्थ से जुड़ी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि गर्भवती होने का सबसे अच्छा समय आपके 20 साल से अधिक हैं और 30 की शुरुआत के बीच होता हैं। यह एक ऐसी उम्र है जिसमें मां और बच्चे दोनों की सेहत बिल्कुल स्वस्थ रहती है।

प्रेग्नन्सी के लिए 35 साल की उम्र

अधिकतर डॉक्टर्स का मानना है कि महिलाओं के लिए गर्भधारण करने के लिए 35 साल तक की उम्र सबसे उपयुक्त है। महिलाओं को 35 साल के बाद भी इस प्रकिया के दौरान ज्यादा दिक्कत नहीं होती है। वहीं,  कई सारी महिलाओं को इस उम्र के बाद कंसीव करने में काफी तकलीफ होती है। साथ ही उन्हें कई तरह के स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतें होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

35 की उम्र के बाद प्रेग्नन्सी है रिस्क फैक्टर्स

डॉक्टर्स के मुताबिक़, महिलाओं में 35 की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी को एडवांस मैटरनल एज के तौर पर कैटेगराइज किया गया है।  महिलाओं की एग क्वॉलिटी 35 की उम्र के बाद प्रभावित होने लगती है। इसमें  सबसे ज्यादा गिरावट 40 के बाद आती है। इस दौरान होने वाले बच्चो में क्रोमोसोमल एब्नार्मेलिटी और डाउन सिंड्रोम होने का खतरा बढ़ जाता है।

अधिक उम्र में प्रेग्नन्सी होने से खतरा, प्रेग्नन्सी के दौरान शुगर ब्लड प्रेशर, समय से पहले बच्चे का जन्म,  डिलिवरी के बाद हैवी ब्लड, लॉसजन्म के समय बच्चे का कम वजन, सिजेरियन डिलिवरी की संभावना, मिसकैरेज प्लेसेंटा प्रेवियाडाउन सिंड्रोम.

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