
पॉकेटिंग रिलेशनशिप के बारे में क्या आप जानते हैं? अगर नहीं, तो हो सकता है कि कभी न कभी आप भी ऐसे रिलेशनशिप में रहे हों। पॉकेटिंग रिलेशनशिप मतलब अपने रिश्ते को दुनिया से छिपाकर रखना, जैसे हम कपड़ों के पॉकेट में कुछ छिपाकर रखते हैं, यह कोई अच्छा रिलेशनशिप नहीं माना जाता। इसके कई फायदे तो कई नुकसान भी हैं। आइए आपको बताते हैं रिलेशनशिप में पॉकेटिंग होने का क्या मतलब होता है और इसे किस तरह पहचान करके सही राह पर लाया जा सकता है,
रिलेशनशिप में क्या है पॉकेटिंग है?

आज के समय में जहां रिलेशनशिप के नए-नए टर्म आ गए हैं, वहीं पॉकेटिंग भी इन्हीं में से एक है, जो काफी सीरियस मैटर होता है। ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक या दोनों पार्टनर अपने रिश्ते को कभी पब्लिकली एक्सेप्ट नहीं करते हैं। साथ ही अपने रिश्ते को दोस्तों, परिवार वालों और तो और सोशल मीडिया से भी छुपाकर रखते हैं। लेकिन इसके क्या कारण होते हैं, आइए जानते हैं।
रिलेशनशिप को पॉकेटिंग करने के कारण

ऐसे में लोग जिनके साथ रिलेशनशिप में होते हैं, वे उन्हें अपने दोस्तों और परिवार वालों से मिलवाने में शर्म महसूस करते हैं। उन्हें लगता है कि मेरे पार्टनर को कमतर समझते हैं और इसलिए उन्हें लगता है कि उनका अपने पार्टनर से किसी को मिलवाना, उनकी सेल्फ रिस्पेक्ट को कम कर देगा। कभी-कभी लोग अपने रिलेशनशिप को इसलिए प्राइवेट नहीं करते हैं, क्योंकि उन्हें समाज के रीति रिवाजों और परिवार से डर लगता है। पॉकेटिंग करने का एक कारण ये भी हो सकता है कि आपका पार्टनर पहले ही किसी रिश्ते में धोखा खा चुका है या उनका दिल दुख चुका है और वो फिर से वही सब चीजें नहीं दोहराना चाहते हैं।
रिलेशनशिप में पॉकेटिंग के नुकसान

भले ही कुछ लोग पॉकेटिंग को सही माने, लेकिन इसके काफी नुकसान भी हैं। ये फ्रॉड होने की संभावना को बढ़ाता है। पॉकेटिंग में इसके चांसेस बहुत ज्यादा होते है जैसे कोई शादी शुदा व्यक्ति किसी और के साथ अफेयर रख सकता है और उससे रिलेशनशिप को प्राइवेट रखने के लिए कहकर, उसका इस्तेमाल कर सकता है। ऐसा करने से वह एक साथ दो लोगों का इस्तेमाल कर उन्हें धोखा भी दे सकता है।