मणिपुर की रहने वाली ‘इरोम शर्मिला’ दुनिया की सबसे लंबी भूख हड़ताल करने का रिकॉर्ड रखती हैं। मणिपुर ही नहीं देश बीते साल अगस्त में उन्होंने 16 साल लंबी भूख हड़ताल खत्म की है। इरोम की 52 साल की जिदंगी पर नजर डाली जाए तो ये किसी दूसरी दुनिया की कहानी सी लगती है। 14 मार्च 1972 को जन्मी इरोम चानू शर्मिला ने मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम को हटाने की मांग को लेकर 16 सालों तक भूख हड़ताल की।
दरहसल, साल 2000 की दो नवंबर की तारीख को कुछ ऐसा हुआ था जिसने इरोम शर्मिला की जिंदगी का मकसद बदलकर रख दिया। इस दिन असम राइफल्स के जवानों ने इंफाल के पास एक गांव में गांव वालों की हत्या कर दी थी। ये लोग स्टॉप पर बस के इंतजार में खड़े थे, जिन्हें आकर जवानों ने गोली मार दी। मरने वालों में दो ‘नेशनल ब्रेवरी अवार्ड’ के विजेता भी थे। इस घटना ने इरोम शर्मिला को झकझोर दिया। तीन दिन बाद ही वह सैन्य बलों को मिले विशेषाधिकार के खिलाफ अनशन पर बैठ गईं ।
नाक से पाइप के सहारे लिक्विड
इरोम शर्मिला ने जब भूख हड़ताल शुरू की तो पुलिस ने उनके खिलाफ आत्महत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया। अदालत ने उन्हें पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया। इस दौरान उन्हें जिंदा रखने के लिए जबरन नाक से एक पाइप के जरिए लिक्विड दिया जाता था। इरोम शर्मिला के नाम सबसे लंबी भूख हड़ताल और सबसे ज्यादा बार जेल जाने का रिकॉर्ड बना। 16 सालों तक चले संघर्ष के बाद इन्होंने 9 अगस्त 2016 में भूख हड़ताल खत्म कर दी।