सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi 2025) का दिन भगवान गणेश को समर्पित हैं. कहते हैं इस दिन विघ्न हर्ता श्री गणेश की विधिवत पूजा और व्रत करने से जातकों को बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार फागुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विनायक चतुर्दशी व्रत रखा जाता है. विनायक चतुर्दशी के शुभ मौके पर भगवान गणेश की पूजा आराधना करने से जीवन के सभी प्रकार के कष्ट से मुक्ति मिलती है. वैसे हर महीने एक बार विनायक चतुर्दशी का व्रत भी रखा जाता है। वहीं इस जीवन का समस्त बाधाओं और आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलती है।
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार फागुन माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 2 मार्च को रात्रि 9:01 से शुरू होकर 3 मार्च को शाम 6:02 पर समाप्त होगा. उदया तिथि के अनुसार विनायक चतुर्दशी का व्रत सोमवार के दिन 3 मार्च को रखा जाएगा, जिसमें पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5:05 से लेकर 5:55 तक रहेगा. तो वहीं अभिजीत मुहूर्त 12:10 से लेकर 12:56 तक रहेगा तथा विजय मुहूर्त 2:30 से लेकर 5:16 तक रहेगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार शुभ मुहूर्त में पूजा करना अत्यंत शुभ फलदायी होता है।
पूजा विधि :-
विनायक चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करनी चाहिए. जलाभिषेक करना चाहिए. भगवान गणेश को पुष्प फल और पीला चंदन अर्पित करना चाहिए. तिल का लड्डू अथवा मोदक का भोग लगाना चाहिए. भगवान गणेश की अमोघ मित्रों का जाप करना चाहिए और उसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ गणेश जी की आरती करनी चाहिए।