Allahabad Highcourt News: महिला के स्तन को पकड़ना और नाड़ा तोड़ना रेप नही – इलाहाबाद हाईकोर्ट

Date:

इलाहाबाद हाइकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है जिसमें उन्होंने कहा है कि नाबालिग लड़की के स्तन को पकड़ना, उसके पायजामे के नाडे को तोड़ना और उसे पुलिया के नीचे खींचने का प्रयास करना रेप या रेप की कोशिश के तहत अपराध नहीं माना जाएगा।

कासगंज मामले में लिया फैसला
वहीं हाईकोर्ट ने अपने इस फैसले के आधार पर जिला कासगंज के तीन आरोपियों को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ ट्रायल कोर्ट से जारी समन आदेश में बदलाव करने को कहा है। हाईकोर्ट ने आगे आरोपियों की तरफ से दाखिल की गई क्रिमिनल रिवीजन की अर्जी को आंशिक रूप से मंजूर किया है और अपने फैसले में कहा है कि आरोपियों के खिलाफ रेप की कोशिश और पॉक्सो एक्ट की धारा 18 के तहत जारी किया गया समन गलत है। आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने निचली अदालत से कहा है कि वह समन आदेश में बदलाव करते हुए उन्हें छेड़खानी और पॉक्सो एक्ट की दूसरी धारा के तहत समन आदेश जारी करें।

क्या है कासगंज मामला
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला यूपी के कासगंज जिले के पटियाली थाना क्षेत्र में हुई एक घटना से जुड़ा हुआ है। जिसमें एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह अपनी 14 वर्षीय बेटी के साथ कहीं जा रही थी तभी रास्ते में पवन, आकाश और अशोक नाम के तीन युवकों ने बेटी को घर छोड़ने के बहाने जबरदस्ती अपनी बाइक पर बैठा लिया। जिसको लेकर महिला ने एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमें लिखा गया कि आरोपियों ने रास्ते में एक पुलिया के पास गाड़ी रोककर उसकी बेटी के स्तन पकड़े और पायजामे का नाड़ा तोड़ दिया. इसके बाद गलत इरादे से उसे पुलिया के नीचे खींच कर ले जाने लगे।
वहीं चीख पुकार सुनकर वहां आसपास के लोगों की भीड़ इक्टठा हो गई जिसकी वजह से आरोपी उसकी बेटी को छोड़कर भाग निकले। बता दें कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी में रेप की धारा 376 और पोक्सो एक्ट की धारा 18 यानी अपराध करने के प्रयास का केस दर्ज किया गया. जिसके चलते निचली अदालत ने इन्हीं धाराओं में आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया।

कौन है वो जज जिन्होंने कही ये बात
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज राम मनोहर नारायण मिश्र ने मामले में टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर कोई शख्स किसी युवती का जबरन प्राइवेट पार्ट \ स्तन पकड़ता है और पायजामे का नाड़ा तोड़ता है तो उसे रेप की श्रेणी नें नही माना जाएगा। आपको बता दें कि जस्टिस राम मनोहर मिश्र का जन्म 6 नवंबर 1964 को हुआ था. उन्होंने साल 1985 में लॉ में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और फिर साल 1987 में लॉ में ही पोस्ट ग्रेजुएशन कियाष जिसके बाद वह साल 1990 में मुंसिफ के रूप में उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में शामिल हुए.

जज राम मनोहर का साल 2005 में उच्चतर न्यायिक सेवा में प्रमोशन हुआ, इसके बाद वह साल 2019 में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। बता दें कि यहां पर प्रमोशन से पहले उन्होंने बागपत, अलीगढ़ जिलों में सर्विस की हैय़ साथ ही इन्होंने जेटीआरआई के निदेशक और लखनऊ में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

अदीरा अप्रैल अंक 2025

अदीरा का नया अंक आपके लिए लेकर आया है...

दूध को बनाना है और भी पौष्टिक, तो इन चीजों को उसमें जरूर मिलाएं

दूध में तो पहले से ही कैल्शियम, प्रोटीन और...

हेमा- ईशा की रेड कपड़ों वाली ट्विनिंग ने सोशल मीडिया पर मचाया धमाल!

बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी आज भी अपनी...

कृष 4 में होगा बड़ा धमाका! ‘जादू’ की होगी जबरदस्त एंट्री!

ऋतिक रोशन की आने वाली फिल्म 'कृष 4' को...