Chaitra Navratri 2025: शेर पर नहीं, इस नवरात्रि हाथी पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा !

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चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो विशेष रूप से भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व मां दुर्गा की आराधना का पर्व है, जिसमें नौ दिनों तक विभिन्न रूपों में मां दुर्गा की पूजा की जाती है। हर साल इस अवसर पर मां दुर्गा के नौ रूपों की विशेष पूजा की जाती है, और हर रूप का अलग-अलग महत्व होता है। लेकिन इस साल कुछ खास है, क्योंकि इस चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा शेर पर नहीं, बल्कि हाथी पर सवार होकर आ रही हैं।

क्यों हाथी पर सवार हैं मां दुर्गा?
पारंपरिक रूप से, मां दुर्गा को शेर पर सवार होकर चित्रित किया जाता है, जो उनकी शक्ति और साहस का प्रतीक है। लेकिन इस बार, कुछ स्थानों पर मां दुर्गा का चित्रण हाथी पर सवार रूप में किया जा रहा है, और इसके पीछे एक गहरी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यता है। हाथी को भारतीय संस्कृति में शुभ और ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है। यह शांतिपूर्ण शक्ति, धैर्य और समृद्धि का प्रतीक है।
मां दुर्गा का हाथी पर सवार होना यह संकेत देता है कि वे केवल युद्ध की देवी नहीं हैं, बल्कि वे शांति, समृद्धि और सुख-शांति का भी वचन देती हैं। हाथी के साथ उनका रूप दिखाता है कि वे संसार में हर प्रकार की खुशहाली और समृद्धि लाने के लिए आ रही हैं।

चैत्र नवरात्रि की महिमा
चैत्र माह की नवरात्रि को विशेष रूप से देवी के शक्ति रूपों की पूजा का महत्व है। इस दौरान, भक्तजन देवी के नौ रूपों की पूजा करते हैं और नौ दिनों तक उपवास, व्रत और साधना करते हैं। हर दिन एक विशेष देवी रूप की पूजा की जाती है, जैसे कि माता शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री।
नवरात्रि के इस पावन अवसर पर देवी दुर्गा के साथ-साथ उनके वाहन, यानी हाथी को भी पूजा जाता है, और यह एक विशेष परंपरा बन गई है। इस साल, हाथी के साथ मां दुर्गा का चित्रण न केवल भक्तों के मन को शांति देता है, बल्कि यह उनके जीवन में खुशहाली और समृद्धि के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

मां दुर्गा का हाथी पर आना क्या संकेत देता है?
हाथी को भगवान गणेश के वाहन के रूप में भी पूजा जाता है, जो ज्ञान, समृद्धि और समरसता के प्रतीक हैं। जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, तो यह संकेत है कि इस नवरात्रि में सिर्फ युद्ध की नहीं, बल्कि शांति और समृद्धि की विजय होगी। हाथी के साथ देवी का आना भक्तों के लिए यह संदेश लेकर आता है कि इस समय वे जो भी कष्ट या समस्या झेल रहे हैं, वह समाप्त हो जाएंगे और जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होगा।

चैत्र नवरात्रि के इस पावन पर्व पर, जहां मां दुर्गा शेर के स्थान पर हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, यह एक संकेत है कि इस साल का नवरात्रि विशेष रूप से समृद्धि, शांति और सुख का प्रतीक बनेगा। माता दुर्गा की कृपा से सभी भक्तों के जीवन में खुशहाली का आगमन होगा। इस नवरात्रि को शांति, समृद्धि और समरसता का संदेश लेकर हम सभी अपने जीवन को सही दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं।

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