बिहार के औरंगाबाद जिले की रहने वाली दिव्या ने अपनी मेहनत और लगन के बल पर बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) परीक्षा पास कर जिले का नाम रोशन किया है। दिव्या की यह सफलता कई युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।
कठिन परिश्रम और समर्पण की मिसाल
दिव्या का सफर आसान नहीं था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा औरंगाबाद के स्थानीय विद्यालय से प्राप्त की और फिर स्नातक की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से पूरी की। बचपन से ही दिव्या का सपना प्रशासनिक सेवा में जाने का था। इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने दिन-रात मेहनत की।
पढ़ाई के प्रति समर्पण
दिव्या ने अपनी तैयारी के दौरान समय प्रबंधन और पढ़ाई की रणनीति पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि नियमित अध्ययन और आत्मविश्वास सफलता की कुंजी है। इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन कोचिंग, नोट्स और मॉक टेस्ट का सहारा लिया।
परिवार का सहयोग
दिव्या की सफलता के पीछे उनके परिवार का बहुत बड़ा योगदान है। उनके पिता एक किसान हैं और माता गृहिणी हैं। परिवार की सीमित आर्थिक स्थिति के बावजूद, उन्होंने कभी भी दिव्या की पढ़ाई में बाधा नहीं आने दी।
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संदेश युवाओं के लिए
दिव्या ने युवाओं को संदेश दिया कि यदि मन में सच्ची लगन और मेहनत करने का जज्बा हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि असफलता से घबराने के बजाय उससे सीख लेना चाहिए। दिव्या की यह सफलता न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे औरंगाबाद जिले के लिए गर्व की बात है। उनकी कहानी यह साबित करती है कि समर्पण, आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।