Female priest Nandini Bhowmick: हम पितृसतात्मक समाज में रहते है। जहां हर काम की पहल के लिए पुरुषों को आगे रखा जाता है माना जाता है कि कुछ काम ऐसे होते है जो सिर्फ पुरुष ही कर सकते है, जैसे की कोई भी अनुष्ठान का काम होता है तो उसमें पुरुष पंडित ही ढूंढे जाते है लेकिन इस दीवार को तोड़कर आगे बढ़ी है बंगाल की पहली महिला पंडित नंदिनी भौमिक जिन्होंने इस रेखा को पार किया है।
नंदिनी भौमिक (Nandini Bhowmick) एक प्रसिद्ध भारतीय संस्कृत विदुषी, अनुवादक और महिला पुरोहित (female priest nandini bhowmick) (पंडित) हैं। वह पश्चिम बंगाल से ताल्लुक रखती हैं और अपनी अनोखी भूमिका के लिए जानी जाती हैं, क्योंकि वह शादी, नामकरण संस्कार और अन्य धार्मिक अनुष्ठान संस्कृत में संपन्न करती हैं, जो पारंपरिक रूप से पुरुष पुरोहितों द्वारा किए जाते हैं। उनकी यह पहल खासकर बंगाल और भारत के अन्य हिस्सों में काफी सराही गई है। वह सामाजिक बदलाव के प्रतीक के रूप में देखी जाती हैं। डॉ. भौमिक आज 16 महिला पुजारियों का समूह ‘शुभमस्तु’ चलाती हैं। ये महिला पुजारी शादियां अन्य धार्मिक अनुष्ठान या श्राद्ध जैसे कोई भी कार्य संपन्न कराने में सक्षम हैं।
महिला पुरोहित नंदिनी भौमिक ने धार्मिक परंपराओं में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया और इस रूढ़िवादी पेशे में महिलाओं की भूमिका को नया रूप दिया। नंदिनी पिछले 10 सालों में 40 से भी ज्यादा शादियां करवा चुकी है। उनकी यह पहल खासकर बंगाल और भारत के अन्य हिस्सों में काफी सराही गई है। वह सामाजिक बदलाव के प्रतीक के रूप में देखी जाती हैं।
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