हर साल 1 जुलाई को हम ‘नेशनल डॉक्टर्स डे’ के रूप में उन चिकित्सकों का सम्मान करते हैं जो दिन-रात मरीजों की सेवा में लगे रहते हैं। लेकिन कुछ डॉक्टर ऐसे भी होते हैं, जिनकी सेवाएं सिर्फ अस्पताल की दीवारों तक सीमित नहीं होतीं, बल्कि वो आने वाले जीवन की भी रक्षा करते हैं। लखनऊ के SGPGI (संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) की एक ऐसी ही डॉक्टर हैं, जिनके हाथों से अब तक 1000 से ज्यादा अजन्मे बच्चों (गर्भस्थ शिशुओं) में जीवनदायिनी रक्त की बूँदें पहुंच चुकी हैं।
यह तो सिर्फ चिकित्सा नहीं. जिंदगी को कोख में ही नई उम्मीद देना है। यह एक ऐसी महिला डॉक्टर की कहानी है, जिन्होंने ‘Intrauterine Blood Transfusion’ (IUT) के ज़रिए हजारों गर्भस्थ शिशुओं का जीवनदान दिया है। आज नेशनल डॉक्टर्स डे पर उनका संघर्ष और समर्पण हर किसी के लिए प्रेरणा है।
कौन हैं ये डॉक्टर?

SGPGI की हिमेटोलॉजी डिपार्टमेंट में काम करने वाले इस डॉक्टर ने एक ऐसा मिशन आरंभ किया है, जिसमें Rh incompatibility जैसी गंभीर स्थिति से लड़ने वाले गर्भस्थ शिशुओं को कोख में ही रक्त चढ़ाकर बचाया जाता है। जब मां और बच्चे का ब्लड ग्रुप मिलते नहीं, तब ये स्थिति जानलेवा हो सकती है। अगर समय पर इलाज नहीं हो तो गर्भ में ही बच्चे की मृत्यु हो सकती है।
लेकिन इस डॉक्टर की विशेषज्ञता और तकनीकी दक्षता ने इस जोखिम को एक उम्मीद में बदल दिया है। उन्होंने अब तक 1000 से ज्यादा सफल IUT (इन्ट्रायूटरीन ट्रांसफ्यूजन) किए हैं।
क्या होता है Intrauterine Blood Transfusion?
Intrauterine Blood Transfusion (IUT) एक जटिल और जोखिम भरा प्रोसेस होता है जिसमें अल्ट्रासाउंड गाइडेंस की मदद से मां के पेट के ज़रिए गर्भस्थ शिशु की नसों या नाल में सीधा खून चढ़ाया जाता है।
यह प्रक्रिया उन समयों में की जाती है जब बच्चे में एनीमिया या रक्त की कोई दूसरी कमी हो जाती है। खासकर उन कुछ मामलों में, जहां बच्चे और मां का ब्लड ग्रुप अलग हो और Rh incompatibility की वजह से बच्चे के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की बहुत बड़ी कमी हो जाती है।
एक दिन में कई ऑपरेशन और जिम्मेदारी
इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर को न सिर्फ मां और बच्चे दोनों की जान का ख्याल रखना होता है, बल्कि गर्भ में मौजूद बच्चे के छोटे-छोटे अंगों की नाजुकता को भी समझना होता है। एक छोटी सी गलती भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। लेकिन इस डॉक्टर की कुशलता और अनुभव के कारण यह काम अब SGPGI में एक सुरक्षित प्रक्रिया बन चुका है।

देखा जाए तो इस डॉक्टर की इस विशेष सेवा को देखते हुए कई बार उन्हें नेशनल और स्टेट लेवल पर अवॉर्ड्स और सम्मान मिल चुके हैं। SGPGI प्रशासन भी उनके इस योगदान के प्रति गर्व महसूस करता है। उनके नाम पर रिसर्च पेपर, केस स्टडीज़ और मेडिकल जर्नल्स में कई रिपोर्ट्स प्रकाशित हो चुकी हैं।