कभी-कभी ज़िंदगी में सही फैसले और हौसले की ताकत इंसान को असाधारण मुकाम तक पहुंचा देती है। यही कहानी है दिल्ली की युवा उद्यमी प्रीतिका सिंह की, जिन्होंने केवल 26 साल की उम्र में अपनी सुरक्षित नौकरी छोड़कर एक नया रास्ता चुना। कुछ ही वर्षों में उन्होंने अपने जुनून, मेहनत और नए विचारों के दम पर ‘मोह’ नामक फर्नीचर ब्रांड खड़ा किया, जिसका कारोबार आज करोड़ों रुपये में है।
पिता की सलाह से शुरू हुआ नया सफर
प्रीतिका सिंह दिल्ली की रहने वाली हैं। 2012 में उन्होंने मॉडर्न स्कूल से 12वीं पास की, फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी के भगत सिंह कॉलेज से 2015 में बी.कॉम किया। 2016 में उन्होंने अर्न्स्ट एंड यंग कंपनी में नौकरी शुरू की। इसके बाद लंदन के किंग्स कॉलेज से इंटरनेशनल मार्केटिंग में मास्टर्स किया और मार्च 2018 से जनवरी 2020 तक एक अंतरराष्ट्रीय हेल्थकेयर कंपनी में काम करती रहीं।
हालाँकि परिवार बिजनेस से जुड़ा था, इसलिए उनका मन हमेशा से कारोबारी दुनिया की ओर खिंचता था। पिता की सलाह और अपनी सोच के आधार पर उन्होंने 26 साल की उम्र में नौकरी छोड़कर खुद का ऑनलाइन फर्नीचर बिजनेस शुरू करने का बड़ा कदम उठाया। मार्च 2020 में उन्होंने अपने पिता के सहयोग से ‘मोह’ ब्रांड की शुरुआत की।
आसान बिजनेस मॉडल: कम दाम, अच्छी क्वालिटी
प्रीतिका का बिजनेस मॉडल बहुत सीधा था—कम कीमत में अच्छी क्वालिटी का फर्नीचर तैयार करना और उसे सीधे ग्राहकों तक ऑनलाइन पहुंचाना। उन्होंने अपने पिता की कंपनी के कारपेंटरों के अनुभव और पांच कर्मचारियों की टीम से काम शुरू किया। ग्राहकों को भरोसेमंद और किफायती प्रोडक्ट देने पर उनका जोर रहा।
लॉकडाउन में भी ढूंढा अवसर
मार्च 2020 के बाद जब देशभर में लॉकडाउन लगा और अधिकांश कारोबार ठप हो गए, तब प्रीतिका ने इसे चुनौती नहीं बल्कि अवसर के रूप में देखा। ‘वर्क फ्रॉम होम’ संस्कृति के चलते लोगों को स्टडी टेबल और डेस्क की जरूरत बढ़ गई। उन्होंने तुरंत ‘WFH सीरीज़’ के नाम से नए डिजाइन लॉन्च किए।
फर्नीचर की फोटोग्राफी मुश्किल थी, इसलिए उन्होंने कंप्यूटर-जनरेटेड इमेजरी (CGI) का सहारा लिया और वेबसाइट पर 3D मॉडल अपलोड किए। मई 2020 में वेबसाइट लाइव हुई और जून 2020 में उन्हें पहला ऑर्डर मिला। यह उनके लिए एक मील का पत्थर था।
बिना दुकान के करोड़ों का कारोबार
पहले महीने में ही उनकी बिक्री 3.5 लाख रुपये तक पहुंच गई। चार सालों में ‘मोह’ ने 8,000 से ज्यादा फर्नीचर के टुकड़े बेचे और टर्नओवर 3.7 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इस ब्रांड की खासियत यह है कि इसका संचालन पूरी तरह ऑनलाइन और ‘मेड-टू-ऑर्डर’ मॉडल पर होता है, जिससे किसी फिजिकल स्टोर की जरूरत नहीं पड़ती।
आज ‘मोह’ के पास 900 से अधिक प्रोडक्ट्स की रेंज है। प्रीतिका ग्राहकों को कस्टमाइजेशन का विकल्प भी देती हैं और उनका ब्रांड बड़े ऑफिसों और स्कूलों के फर्नीचर प्रोजेक्ट भी संभाल रहा है।
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
प्रीतिका की कहानी इस बात का सबूत है कि कठिनाइयों को अवसर में बदला जा सकता है। उन्होंने सुरक्षित नौकरी छोड़कर जोखिम उठाया, मेहनत की और सफलता पाई। उनकी सोच और हौसला नए उद्यमियों के लिए प्रेरणा है कि सही दिशा, दृढ़ संकल्प और जुनून से बड़ा सपना सच किया जा सकता है।
प्रीतिका की सफलता के प्रमुख कारण
– मार्केट ट्रेंड को समझकर त्वरित प्रतिक्रिया देना
– डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ब्रांड बिल्डिंग
– किफायती और क्वालिटी प्रोडक्ट
– ग्राहकों की जरूरत के हिसाब से कस्टमाइजेशन
– पारिवारिक संसाधनों और अनुभव का सही उपयोग