
झारखण्ड की रहने वाली आकांक्षा ने देश की पहली महिला माइनिंग इंजीनियर बनकर इतिहास रच दिया। माना जाता है कि कोल अंडरग्राउंड माइनिंग का काम सिर्फ पुरुष ही कर सकते हैं लेकिन आकांक्षा ने माइनिंग में डिग्री ली और आज उनको देश की पहली महिला माइनिंग इंजीनियर बनने का गौरव मिला है। आकांक्षा CCL की चुरी कोलियरी में माइनिंग इंजीनियर हैं। वे अपनी उपलब्धि पर बेहद खुश हैं, वो चाहती हैं कि देश की बेटियां उनसे प्रेरित होकर ज्यादा से ज्यादा संख्या में माइनिंग के क्षेत्र में आएं।
पिता के विश्वास ने बढ़ाया बेटी का आत्मविश्वास

इंजीनियर आकांक्षा कहती हैं जब मैनें पिता को इस फैसले के बारे में बताया और इस क्षेत्र में पढ़ाई करने का विचार रखा, तो उन्होंने कोलफील्ड्स में काम करने वाले अपने मित्रों से सलाह ली। कुछ ने जहां इसे अच्छा करियर बताया, वहीं अधिकांश ऐसे थे, जिन्होंने इस क्षेत्र में खतरा बताते हुए किसी और फील्ड में करियर बनाने की सलाह दी।” आखिरकार पिता ने निर्णय लेने का अधिकार मुझ पर ही छोड़ दिया। उन्होंने कहा, “तुम हिम्मती लड़की हो। अपने करियर का निर्णय स्वयं करो। अगर चाहती हो, तो एक बार अपने मन की करके देख लो। अगर दिक्कतें आएंगी तो छोड़ देना। अधिक से अधिक यही तो होगा कि नौकरी नहीं कर पाओगी, लेकिन डिग्री तो काम आएगी ही और बस उनके इसी सपोर्ट के साथ ही मैंने माइनिंग में कोर्स करना शुरू कर दिया।”