
राजस्थान के झुंझुनू की रहने वाली सरपंच नीरू यादव ने अपनी दो साल की तनख्वाह लड़कियों की हॉकी टीम बनाने पर खर्च कर दिया। इस टीम में 10 लड़कियां हैं, और इन लड़कियों की टीम ने भी उन्हें निराश नहीं किया। ब्लॉक लेवल पर खिताब जीता और अब जिले स्तर पर चैंपियन बनने के लिए कठिन अभ्यास कर रही हैं। लोग नीरू यादव को ‘हॉकी वाली सरपंच’ कहते हैं। नीरू आज समाज के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। उन्होंने बहुत ही कम समय में बदलाव का एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया।

गांव की लड़कियों को चाहरदीवारी से बाहर निकालना बेहद मुश्किल था। लेकिन इसके बावजूद भी वे अपनी बात पर डटी रहीं। घर-घर जाकर लोगों को समझाया और लोग आगे आए। नतीजा आज गांव की एक हॉकी टीम है, जो राष्ट्रीय स्तर खेलने की ख्वाहिश रखती है। नीरू ने अपने वेतन से हॉकी किट खरीदी। और रोज लड़कियों को खेल मैदान तक जाने के लिए निजी वाहन का इंतजाम कराया और उन्होंने हॉकी सिखाने के लिए एक कोच भी रखा है।

नीरू यादव के प्रयासों से लड़कियों को न केवल खेलों को बढ़ावा मिला है बल्कि महिला सशक्तिकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उनकी पहल ने गांव की युवा लड़कियों को खेल में आगे बढ़कर सामाजिक रूढ़ियों से मुक्त होने का अवसर प्रदान किया है। हॉकी टीम की वजह से अलग अलग जगह से लोग आकर एक साथ टीम में शामिल हुए हैं। नीरू यादव गांव की लड़कियों की शिक्षा और कौशल विकास में भी सहयोग करती हैं। उन्होंने पीएमकेवीवाई योजना के तहत दस लड़कियों को प्रशिक्षित करवाया है और उन्हें बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी दिलाने में मदद की है।

आपको बता दें , नीरू यादव ने नाबार्ड के सहयोग से ‘द सोसाइटी ऑफ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट’ की सहायता से एक क संगठन की स्थापना की है। नीरू यादव इस कंपनी के निर्देशक मंडल की अध्यक्ष भी हैं। इसके लिए नीरू युवाओं को प्रधानमंत्री के कौशल विकास मिशन से जोड़ रही हैं। नतीजा गांव में बेरोजगारी कम हो गई है।