KARTIK PURNIMA : हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का हमेशा से ही ख़ास महत्त्व रहा है। मान्यताओ के अनुसार सबसे विशेष कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि होती है क्योकि ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के असुर का वध किया था। कुछ लोग इस दिन भगवान विष्णु की आराधना और उपवास करते हैं। आपको बता दे कि इस साल कार्तिक महीने की शुरुवात 29 अक्टूबर से हो गयी थी। तो ऐसे में कार्तिक माह की पूर्णिमा कब है ?ये बड़ा सवाल है….. तो आइए जानते हैं कि कार्तिक मास की पूर्णिमा कब पड़ रही है, और इस दौरान हमें किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखनी चाहिए।
दरअसल इस वर्ष (2023) कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि 26 नवम्बर को 3 बजकर 53 मिनट पर आरंभ होगी तो वहीं 27 नवम्बर को 2 बजकर 45 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का समापन हो जाएगा ….ऐसे में कार्तिक माह की पूर्णिमा 27 नवम्बर को मनाई जाएगी।गौर करने वाली बात ये है कि इस दिन आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं ,आइये जानते है। दरअसल पूर्णिमा के दिन यदि आप गंगा नदी में स्नान कर लेते है , तो आपके जन्मो -जन्म के सारे कष्ट नष्ट हो जाते है।
आपको इस तिथि पर गरीबो को जरूरतमंद चीज़ो का दान करना चाहिए , इससे आपको पुण्य की प्राप्ति होगी। इस तिथि पर हमेशा अपने घर की स्वच्छता का ध्यान रखे ऐसा करने से आपके घर में लक्ष्मी जी का आगमन होता है। अब गौर करे यदि इस तिथि पर हमें क्या नहीं करना चाहिए , तो वो है कि आपको भूलकर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। साथ ही मांसाहारी भोजन, शराब आदि का सेवन भी नहीं करना चाहिए। कार्तिक महीने की इस तिथि पर आपको भूलकर भी किसी का अपमान, घृणा व अपशब्द नहीं कहना चाहिए…. क्युकी इनका इस्तेमाल करने से भगवान विष्णु नाराज़ हो जाते हैं।