पानी जीवन का आधार है, लेकिन क्या हो अगर वही पानी सेहत के लिए खतरा बन जाए? हाल ही में अमेरिका में हुई एक रिसर्च ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इस नई स्टडी में दावा किया गया है कि अमेरिका के कई हिस्सों में मिलने वाला नल का पानी गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

क्या कहती है रिसर्च?
पानी जीवन का आधार है, लेकिन क्या हो अगर वही पानी सेहत के लिए खतरा बन जाए? हाल ही में अमेरिका में हुई एक रिसर्च ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इस नई स्टडी में दावा किया गया है कि अमेरिका के कई हिस्सों में मिलने वाला नल का पानी गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
अमेरिका में क्यों बढ़ा खतरा?
अमेरिका के कई राज्यों में पानी की सप्लाई पुराने पाइपलाइन नेटवर्क के जरिए होती है। इन पाइपलाइनों में मौजूद सीसा (Lead) धीरे-धीरे पानी में मिल जाता है। इसके अलावा औद्योगिक अपशिष्ट और केमिकल प्लांट्स से निकलने वाले पीएफएएस केमिकल भी पानी में मिल जाते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 20 मिलियन अमेरिकियों को रोजाना ऐसा पानी मिल रहा है जिसमें पीएफएएस का स्तर सुरक्षित सीमा से कहीं ज्यादा है।
प्रेग्नेंट महिलाओं और बच्चों के लिए क्या हैं खतरे?
विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं के लिए दूषित पानी पीना बेहद खतरनाक हो सकता है। इससे ना सिर्फ गर्भस्थ शिशु के विकास पर असर पड़ता है, बल्कि बच्चे के जन्म के बाद भी उसके इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
लीड और पीएफएएस जैसे केमिकल बच्चों में ब्रेन डेवलपमेंट में बाधा, लीड पॉयज़निंग, और लर्निंग डिसऑर्डर जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि हर व्यक्ति को अपने घर के पानी की गुणवत्ता की जांच करवानी चाहिए। खासतौर पर जिन घरों में छोटे बच्चे या गर्भवती महिलाएं हैं, वहां आरओ (RO) फिल्टर, एक्टिवेटेड कार्बन फिल्टर, या यूनिवर्सल सर्टिफाइड वाटर प्यूरिफायर का उपयोग करना बेहद ज़रूरी है।
इसके अलावा सरकारी स्तर पर भी पानी की गुणवत्ता की नियमित जांच, पुरानी पाइपलाइनों की मरम्मत और सख्त जल शुद्धिकरण नीति लागू करना समय की मांग है।