हिन्दू धर्म में गुरु पूर्णिमा का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा को ‘व्यास पूर्णिमा’ और ‘वेद पूर्णिमा’ के नाम से भी जानते हैं। इस साल गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन शिष्य अपने गुरु की पूजा करते हैं और उनके ज्ञान और मार्गदर्शन के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं कि उनकी कृपा से वह जीवन में कुछ कर पाए और कुछ बन पाए।

वहीं पितृ दोष के कारण भी कई लोगों को जीवन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर आपका धन संचय नहीं हो पा रहा, करियर के क्षेत्र में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं, मानसिक रूप से खुद को असहज महसूस कर रहे हैं, तो इसका कारण कहीं न कहीं पितृदोष हो सकता है। आइए जान लेते हैं इस दिन क्या करने से आप जीवन की सभी समस्याओं को सुलझा सकते हैं,
पितृ देवताओं को प्रसन्न करने के लिए गुरु पूर्णिमा के दिन आपको उन चीजों का दान करना चाहिए जो उन्हें पसंद थीं। अगर आपने अपने पितरों को देखा नहीं है तो गुड़, बर्फी, शरबत आदि का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आप सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हैं। साथ ही पक्षियों को दाना डालने से आपका आर्थिक पक्ष भी मजबूत होता है और धन संचय करने में आप कामयाब होते हैं।
इस दिन सुबह जल्दी उठकर पितरों को याद करते हुए आपको सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद पितरों के लिए भोजन निकालना चाहिए और उस भोजन को गाय, कुत्ते और कौए को खिलाना चाहिए। ऐसा करना, पितरों को प्रसन्न करता है। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन पितरों का तर्पण करने से आपको करियर में उन्नति मिलती है, और धन की हानि नहीं होती ,साथ ही आप रोग-दोष से भी मुक्त होते हैं।
पितृ देवताओं को प्रसन्न करने के लिए आषाढ़ पूर्णिमा के दिन आपको चौमुखी दीपक जलाना चाहिए। साथ ही आपको पितृ स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से अतृप्त पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और चौमुखी दीपक जलाने से आपके जीवन का अंधियारा भी दूर होता है।
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन आपको अपंग, विधवा और ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इन लोगों की मदद करने से आपको पितरों का आशीर्वाद तो प्राप्त होता ही है, साथ ही देवी देवता भी आप पर कृपा बरसाते हैं।