
जिंदगी को जीना है तो अपने सपने जिंदा रखिए, परिस्थितियां जो भी हों मन को उड़ता परिंदा रखिए… कुछ इन्हीं पक्तियों का अनुसरण करते हुए नंदिनी ने दुनिया की सबसे कम उम्र की सीए बनकर मुरैना का नाम रौशन किया है।

उनका कहना है कि अगर आप सपने नहीं देखते तो आपके जीवन का कोई मतलब नहीं है, इसलिए सपने देखिए और उन्हें पूरा करके की ठाने। हालांकि रुकावटें बहुत आएंगी लेकिन आप में दृढ़ता और लगन है तो आप अपने सपने को जरुर पूरा कर पाएंगे। नंदिनी की सफलता का राज सोशल मीडिया से उनकी दूरी है।

नंदिनी अग्रवाल मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की रहने वाली हैं। यह जिला एक समय पर डकैतों के इलाके के रूप में जानी जाती थी, लेकिन नंदिनी अग्रवाल ने अपनी मेहनत से इतिहास रच दिया है। जब नंदिनी ११वीं कक्षा में थी, तो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक उनके स्कूल में आया था। इसी के बाद से वह रिकॉर्ड बनाने की कल्पना करने लगी और उसे पूरा भी किया।

साल 2021 में हुई सीए की परीक्षा में नंदिनी ने पूरे भारत में पहला स्थान पाया, नंदिनी का नाम ‘गिनीज आफ वर्ल्ड रिकार्ड’ में विश्व की सबसे कम उम्र की महिला सीए के तौर पर दर्ज किया गया। नंदिनी अग्रवाल मात्र 19 साल 330 दिन की उम्र में सीए बन गई थीं और वर्तमान में मुंबई में सिंगापुर सरकार की कंपनी में नौकरी कर रही हैं।

नंदिनी अग्रवाल बचपन से ही मेधावी रहीं। 2021 में हुई सीए फाइनल में नंदिनी ने 800 में से 614 अंक लेकर आल इंडिया प्रथम स्थान हांसिल किया।