UTPANNA EKADASHI : सनातन धर्म में मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। इस दिन माता एकादशी उत्पन्न हुई थी इसलिए इसका नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा l इस बार उत्पन्ना एकादशी का व्रत 8 दिसंबर को रखा जयेगा l उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत करने से व्यक्ति के पिछले जन्म के पापों का भी नाश होता है l
उत्पन्ना एकादशी सभी एकादशियों की तरह श्रीहरि विष्णु को समर्पित है। उत्पन्ना एकादशी व्रत करने से विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। एकादशी माता को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है l मार्गशीर्ष माह की एकादशी भगवान विष्णु की बेहद प्रिय मानी जाती है l
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा धूप, नैवेद्य आदि से करके रात को दीपदान करना चाहिए। व्रत के समाप्ति के बाद अनजाने में हुई भूल या पाप के लिए भगवान् विष्णु से क्षमा मांगनी चाहिए। इस दिन भगवान की पूजा के बाद पीपल के पेड़ की पूजा कर कच्चा दूध चढ़ाएं l एकादशी के विष्णु जी को केसर वाली खीर का भोग लगाए और उसमें तुलसी दल जरुर डालें l
एकादशी के दिन शाम को घी दीपक जलाने से घर में सुख और समृद्धि आती हैं l इस दिन पीले फलों, अन्न और वस्त्र का दान करें l व्रत के दूसरे दिन विष्णु जी की पूजा कर ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए। इस व्रत को करने से अश्वमेघ यज्ञ, तीर्थ स्नान व दान करने से भी ज्यादा पुण्य मिलता है। उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है।