
घरों में चीटियां निकलना आम बात है। चींटियों के प्रकार भी कई तरह के होते हैं। आमतौर पर चींटियां लाल या फिर काली रंग की होती हैं। जिसे हम नजर अंदाज कर देते हैं। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चींटियों का आपके घर से निकलने का शुभ या फिर अशुभ मायने होते हैं। हिंदू धर्म में चींटियों का भी धार्मिक महत्व बताया गया है। खासतौर पर चींटियों को भोजन कराने के कई लाभ हैं, क्योंकि चींटियों का संबंध सौर्य मंडल में मौजूद ग्रहों से भी बताया गया है।

कहते हैं, ‘घर में चींटियों के निकलने से शुभ और अशुभ संकेत दोनों ही मिलते हैं। लेकिन यदि आप उन्हें भोजन कराती हैं तो आपके जीवन में आ रही कई तरह की बाधाएं भी दूर हो जाती हैं।’ खासतौर से यदि किसी कन्या के विवाह में अड़चन आ रही है, तो चींटियों को भोजन करना एक उपाय बन सकता है। चलिए इस विषय में विस्तार से जानते हैं।
कौन सी चीटियां होती हैं शुभ

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लाल और काली चींटियों में से काली चींटियों को बेहद ही शुभ माना जाता है। ऐसे में अगर आपके घर पर काली चींटियां हैं, तो उन्हें भोजन कराया जा सकता है, वहीं लाल चींटियों को अशुभ माना गया है। इन्हें जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी घर से बाहर निकालने के उपाय करने चाहिए। बता दें लाल चींटियां इतनी अशुभ होती हैं कि आपको कर्ज तक में डुबा सकती हैं। यह अपने साथ घर में नकारात्मकता भी लेकर आती हैं।
चींटियों को क्या खिलाएं?

आप काली रंग की चींटियों को शनिवार के दिन चींटियों को चावल और आटा भी खिला सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि काली चींटियां भगवान विष्णु का स्वरूप होती हैं। अगर आप चींटियों को गुड़ और पंजीरी भी भोजन के रूप में खिला सकती हैं। ऐसा करने से बरसो से शादी में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
इन ग्रहों से होता है चीटियों का सम्बन्ध

काली चींटियों का संबंध शनि और राहु ग्रह से होता है। कहते हैं, ‘जिन कन्याओं की कुंडली में शनि छठे भाव में हो और सूर्य अष्ठम में हो, उनकी शादी में बहुत बाधाएं आती हैं। वहीं अगर कुंडली में शनि और राहु की युति बन रही होती है, तब भी अधिक उम्र में कन्या का विवाह होता है।’ऐसे में यदि कन्या राहु और शनि के उपाय करती है, तो विवाह में आ रही अड़चनें समाप्त हो जाती हैं।