
बिहार की मानवी मधु ने रचा इतिहास: बिहार की रहने वाली मानवी मधु कश्यप, एक ट्रांसजेंडर महिला, ने बिहार पुलिस में दारोगा बनकर इतिहास रच दिया है। अपने संघर्षों और समाज के तानों को मात देते हुए उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है। मधु की कहानी यह प्रेरणा देती है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से कोई भी इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है।
बांका जिले की रहने वाली मधु ने बताया कि बचपन से ही उन्हें अपनी पहचान को लेकर भेदभाव का सामना करना पड़ा। नौवीं कक्षा में आते-आते उन्हें एहसास हुआ कि वह दूसरे लड़कों से अलग हैं। समाज और रिश्तेदारों के तानों से बचने के लिए उन्होंने अपनी असली पहचान छुपाकर रखी। इस दौरान उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और स्नातक की डिग्री हासिल की।
”मुझे अपने ट्रांसजेंडर होने पर गर्व” मानवी ने कहा कि इस रिजल्ट से वे काफी खुश हैं , बीते डेढ़ वर्षों से वह दरोगा बनने के लिए प्रतिदिन लगभग 8 से 10 घंटे या उससे अधिक ही पढ़ाई करती थीं। इसके अलावा वह सुबह-सुबह गांधी मैदान में फिजिकल के लिए डेढ़ घंटे पसीना बहाती थीं। इसका रिजल्ट यह आया कि जिस दौड़ को फिजिकल टेस्ट में 6 मिनट में पास करना होता है उसे उन्होंने केवल 4 मिनट 34 सेकंड में ही पास कर लिया था। उनकी इस कामयाबी से पास में मौजूद सभी अधिकारियों ने खूब ताली बजाया था।
मधु की कहानी एक जीती जागती मिसाल
मधु ने एक न्यूज पोर्टल से कहा कि वह अपनी वर्दी पहनकर अपने गांव जरूर जाएंगी और सबको बताएंगी कि उन्हें ट्रांसजेंडर होने पर कोई शर्म नहीं है। मधु की कहानी उन सभी लोगों के लिए मिसाल है जो सामाजिक रूढ़ियों और भेदभाव का सामना करते हुए अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मधु का संदेश है कि अगर आपमें कुछ कर गुजरने की चाहत है तो कोई भी बाधा आपको आपके लक्ष्य से नहीं रोक सकती।