सभी हीरो वैसे नही दिखते जैसे हम कॉमिक किताबों में पढ़ते या फिल्मों में देखते आये हैं कुछ लोग तो हमारे जैसे ही दिखते है असल में, ज़्यादातर वे लोग हमारे जैसे ही होते हैं। केप में नहीं, वर्दी में नहीं, बल्कि साड़ी में! इस महिला ने अपनी साड़ी से 150 यात्रियों की जान कैसे बचाई, यह जानने के लिए आगे पढ़ें!
बड़े होते हुए अक्सर हम लोगो ने देखा है नायकों को टोपी पहने, शहरों में उड़ते, अपराधों से लड़ते, जान बचाते और इस पूरी को बेहतर बनाने के लिए बाहर कुछ करते देखा है लेकिन जैसे जैसे हम बड़े होते गए, हमने देखा कि वो हीरो केवल एक काल्पनिक पात्र है असली नायक टोपी पहनकर उड़ते नहीं हैं। यह सच है। क्योंकि यह कहानी आपको यह विश्वास दिलाएगी कि सभी नायक टोपी नहीं पहनते, कुछ लाल साड़ी पहनते हैं!
यह कहानी 3 साल पहले की है जब उत्तर प्रदेश की 70 वर्ष की ओमवती देवी रेलवे पटरियों के पास अपनी नियमित सैर पर थीं। यहीं पर उन्होंने कुछ देखा। जब वह पास जाकर ध्यानपूर्वक देखा तो वह पर रेलवे लाइन का एक हिस्सा खराब था। उन्हें पता था कि अगर उन्होंने इसके बारे में कुछ नहीं किया, तो कोई ट्रेन गुजर सकती है और इससे कई यात्रियों की जान भी जा सकती है। वह ऐसा नहीं होने दे सकती थीं। उनकी सोच ने तुरंत काम किया। फिर उन्होंने एक आती ट्रेन के सामने अपनी लाल रंग की साड़ी को लहराया और ट्रेन के ड्राइवर ने समय रहते उस लाल कपड़े को पहचान लिया। इससे उस दिन ट्रेन में सवार करीब 150 यात्रियों की जान बच गई।
मीडिया से उसने बताया कि जब वह नियमित काम के लिए ज़मीन पर जा रही थी, तभी उसकीं नज़र इस गड़बड़ी पर गयी “मुझे जल्दी ही एहसास हो गया कि इससे बहुत बड़ी घटना हो सकती है। वैसे, मैंने बहुत सुना था कि लाल रंग का मतलब ख़तरा होता है। मैंने किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए अपनी साड़ी को ट्रैक के चारों ओर बाँध दिया, जो सौभाग्य से ड्राइवर द्वारा ब्रेक लगाने पर काम कर गई।”