अगर आप भी ग्लास स्किन पाना चाहती हैं, तो सिर्फ घरेलू नुस्खों पर नहीं, बल्कि मॉडर्न ट्रीटमेंट्स पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। लेकिन ये सभी उपाय तभी असर दिखाते हैं जब आप अपनी स्किन टाइप को ध्यान में रखकर स्किन केयर करें। इसलिए सबसे पहले अपनी त्वचा का सही प्रकार जान लेना बहुत जरूरी है। इस लेख में हर स्किन टाइप की जानकारी दी गई है – कौन-सी त्वचा कैसी होती है, उससे जुड़ी समस्याएं क्या होती हैं और उनके लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। तो आइए, अपनी स्किन को समझिए और उसके अनुसार सही देखभाल की शुरुआत कीजिए।

हर इंसान की त्वचा अलग होती है, और उसकी देखभाल भी उसी के अनुसार होनी चाहिए। अपनी त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने के लिए सबसे पहले यह जानना ज़रूरी है कि आपकी स्किन टाइप क्या है। त्वचा को पाँच मुख्य प्रकारों में बांटा गया है – नॉर्मल, ऑइली, ड्राय, कॉम्बिनेशन और सेंसिटिव। हर टाइप की अपनी अलग ज़रूरतें और समस्याएं होती हैं, इसलिए इनकी देखभाल भी खास तरीके से करनी पड़ती है। अगर हम त्वचा से जुड़ी आम समस्याओं की बात करें, तो भारत में मुंहासे, हाइपरपिग्मेंटेशन (जैसे मेलास्मा और इंफ्लेमेशन के बाद के दाग), एक्जिमा और सोरायसिस काफी आम हैं। ये समस्याएं अक्सर हमारे खानपान, जीवनशैली और जलवायु के कारण बढ़ जाती हैं।
हर समस्या के लिए इलाज अलग हो सकता है – इसमें स्किन पर लगाने वाली दवाएं (टॉपिकल ट्रीटमेंट), जीवनशैली में बदलाव, लाइट थैरेपी और कभी-कभी अंदरूनी दवाएं (सिस्टेमिक मेडिकेशन) भी शामिल होती हैं। अगर आप अपनी स्किन टाइप को समझकर सही स्किनकेयर रूटीन अपनाते हैं, तो कई समस्याओं से बचा जा सकता है और त्वचा को लंबे समय तक हेल्दी रखा जा सकता है।
सामान्य त्वचा (Normal Skin)
सामान्य त्वचा सबसे संतुलित मानी जाती है। इसमें न ज़्यादा तेलीयता होती है और न ही ज्यादा रूखापन। इस तरह की त्वचा में बहुत कम खामियाँ होती हैं, लेकिन फिर भी हल्के मुंहासे या सेंसिटिविटी की समस्या कभी-कभी हो सकती है। यह त्वचा देखने में साफ, मुलायम और हेल्दी दिखाई देती है। हालाँकि सामान्य त्वचा को बहुत ज्यादा खास देखभाल की ज़रूरत नहीं होती, फिर भी इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए। नियमित जेंटल क्लींजिंग, हल्का और हाइड्रेटिंग मॉइस्चराइज़र, और रोज़ाना सनस्क्रीन का इस्तेमाल इस त्वचा को लंबे समय तक हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है।
ड्राई त्वचा (Dry Skin)
ड्राई यानी रूखी त्वचा अक्सर खिंचाव, परतदारपन, खुजली, कसावट और महीन रेखाओं जैसी समस्याओं से परेशान रहती है। इस तरह की त्वचा में नमी की कमी होती है, जिससे यह बेजान और थकी हुई दिखने लगती है। ठंडी हवा, गर्म पानी से नहाना, ह्यूमिडिटी की कमी और कुछ स्किन प्रोडक्ट्स इस समस्या को और भी बढ़ा सकते हैं। इसका इलाज त्वचा की नमी को बनाए रखने पर केंद्रित होता है। हाइड्रेटिंग क्लीनज़र का उपयोग करना, जिसमें सल्फेट न हो, और हाइलूरोनिक एसिड या ग्लिसरीन जैसे मॉइस्चराइजिंग इंग्रेडिएंट्स से भरपूर क्रीम लगाना बेहद जरूरी है। दिन में कम से कम दो बार मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करने से त्वचा को राहत मिलती है।
ऑइली त्वचा (Oily Skin)
ऑइली यानी तैलीय त्वचा में सीबम (तेल) का उत्पादन सामान्य से अधिक होता है, जिससे चेहरा अक्सर चिपचिपा और चमकदार दिखता है। ऐसे लोगों को बड़े पोर्स, ब्लैकहेड्स और बार-बार मुंहासे (पिंपल्स) निकलने की परेशानी होती है। गर्म और नमी वाले मौसम में यह समस्या और भी बढ़ सकती है। इस स्किन टाइप के लिए सबसे ज़रूरी है स्किन को क्लीन और बैलेंस्ड रखना, न कि उसे पूरी तरह से ड्राय कर देना। इसके लिए ऑइल-फ्री और सैलिसिलिक एसिड या टी ट्री ऑइल जैसे तत्वों वाले क्लीनज़र का इस्तेमाल करना चाहिए, जो पोर्स को गहराई से साफ करते हैं और मुंहासों को बनने से रोकते हैं।
सेंसिटिव त्वचा (Sensitive Skin)
सेंसिटिव यानी संवेदनशील त्वचा बहुत नाज़ुक होती है और इसे बाहरी कारकों या स्किन प्रोडक्ट्स से जल्दी रिएक्शन हो सकता है। इस तरह की त्वचा वालों को अकसर लालपन, जलन, खुजली, इरिटेशन या सूजन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मौसम में बदलाव, स्ट्रॉन्ग केमिकल्स या सुगंध वाले प्रोडक्ट्स भी इस त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सेंसिटिव त्वचा पर किसी भी नए प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट ज़रूर करना चाहिए — यानी पहले उसे थोड़ा-सा त्वचा के एक छोटे हिस्से पर लगाकर 24 घंटे तक प्रतिक्रिया का इंतज़ार करें। इसके अलावा, सनस्क्रीन का इस्तेमाल भी बहुत ज़रूरी है, लेकिन वो भी मिनरल-बेस्ड (जैसे ज़िंक ऑक्साइड या टाइटेनियम डाइऑक्साइड) हो तो बेहतर है।
कॉम्बिनेशन त्वचा (Combination Skin)
कॉम्बिनेशन यानी मिश्रित त्वचा में दो अलग-अलग स्किन टाइप्स के लक्षण एक साथ देखने को मिलते हैं। आमतौर पर टी-जोन (माथा, नाक और ठुड्डी) ऑइली होता है, जबकि गाल और आंखों के आस-पास की त्वचा सामान्य या रूखी हो सकती है। ऐसे में त्वचा की देखभाल करते समय एक ही प्रोडक्ट पूरे चेहरे पर इस्तेमाल करना हमेशा सही नहीं होता। कॉम्बिनेशन स्किन के लिए मल्टी-स्टेप रूटीन फायदेमंद होता है – जैसे कि हल्का फेसवॉश, फिर ज़रूरत के हिसाब से टोनर और मॉइस्चराइज़र का चयन। हफ्ते में 1-2 बार हल्के एक्सफोलिएटर का उपयोग करने से डेड स्किन हटती है और पोर्स साफ रहते हैं। बहुत अधिक सूखापन देने वाले प्रोडक्ट्स या स्ट्रॉन्ग स्क्रब्स से बचना चाहिए क्योंकि इससे त्वचा और असंतुलित हो सकती है।