योग सिर्फ आसन या व्यायाम नहीं, बल्कि जिंदगी बदलने वाली साधना है। इसका सबसे सशक्त उदाहरण हैं हिना चांदवानी, जिनकी ज़िंदगी एक समय ऐसी मोड़ पर थी जहाँ उम्मीदें भी साथ छोड़ चुकी थीं। लेकिन जब डॉक्टरों ने जवाब दे दिया, तब योग ने उन्हें एक नई राह दिखाई और उनकी पूरी ज़िंदगी ही बदल गई।
जब हर रास्ता हुआ बंद, तब योग बना अंतिम सहारा
हिना चांदवानी को सीवियर बैक पेन हो गया था। हालत ऐसी थी कि न उठ पाती थीं, न बैठ पाती थीं। कई डॉक्टरों से इलाज कराया, पर राहत नहीं मिली। दर्द इतना असहनीय हो गया था कि उन्होंने सोचना तक छोड़ दिया था कि अब कभी ठीक हो पाएंगी। डॉक्टरों ने भी स्पष्ट कह दिया कि अब 100% रिकवरी संभव नहीं है।
हिम्मत और योग ने मिलकर रच दिया चमत्कार
जब सारी उम्मीदें टूट चुकी थीं, तब हिना ने हार मानने के बजाय अपनी हिम्मत और योग का दामन थामा। उन्होंने योग एक्सपर्ट मानसी गुलाटी की देखरेख में मानस वाणी योगा प्लेटफॉर्म के माध्यम से योग शुरू किया और केवल 1 महीने में 70% राहत महसूस की। आज 4 साल बाद, हिना न केवल पूरी तरह स्वस्थ हैं, बल्कि हर दिन 40 से 60 मिनट तक योग करती हैं।
ये थे वो खास योगासन जिनसे मिला जीवन का नया उत्साह
हिना ने बताया कि उन्होंने निम्नलिखित आसनों को नियमित रूप से अपनाया:
- बालासन
- नौकासन
- भुजंगासन
- शवासन
इन आसनों ने उनकी पीठ की तकलीफ को दूर कर दिया और उन्हें पूरी तरह से फिट बना दिया। शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्थिति में भी हुआ जबरदस्त सुधार पीठ दर्द की वजह से मेंटल हेल्थ पर भी गहरा असर पड़ा था। लेकिन हिना ने भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम जैसे प्राणायाम और ओम चैंटिंग से अपने मन को भी स्थिर किया।
उन्होंने कहा – “जब शरीर ठीक नहीं था, तो मन भी थक गया था। लेकिन योग ने मेरे जीवन को फिर से संतुलन और ऊर्जा दी। “आज भी योग है ज़िंदगी का अहम हिस्सा हिना अब पूरी तरह स्वस्थ हैं, और योग को उन्होंने अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग बना लिया है। वो कहती हैं –”योग ने मुझे फिर से जीना सिखाया। आज न सिर्फ मेरा बैक पेन गायब है, बल्कि मैं मानसिक रूप से भी पहले से कहीं ज्यादा मज़बूत हूं।”
निष्कर्ष: योग को बनाएं अपना सहारा, चमत्कार खुद-ब-खुद होगा हिना चांदवानी की कहानी हम सभी को यह सीख देती है कि जब सारी राहें बंद हो जाएं, तो योग एक नई दिशा दिखा सकता है। अगर आपने अभी तक योग को अपनी जिंदगी का हिस्सा नहीं बनाया है, तो आज ही शुरुआत करें—क्योंकि “जहाँ हिम्मत हो और साथ हो योग का, वहाँ हार नामुमकिन है!”