पूजा शर्मा और आशीष दीक्षित योग और संगीत की उपचार शक्ति पर

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पूजा शर्मा, जो झनक में कंका का किरदार निभा रही हैं, योग का अभ्यास अधिक नियमित बनाने की दिशा में काम कर रही हैं और उनका मानना ​​है कि सप्ताह में 3-4 दिन भी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से वास्तविक बदलाव ला सकते हैं। “मैं वास्तव में योग को अपनी जीवनशैली का एक स्थायी हिस्सा बनाना चाहती हूँ क्योंकि मैंने देखा है कि कैसे थोड़ा सा भी योग संतुलन बना सकता है,” वह बताती हैं। संगीत भी उनकी दिनचर्या का अहम हिस्सा है। जब संगीत की बात आती है, तो उनकी पसंद भावनाओं पर आधारित होती है। “मैं अक्सर सेट पर जाते समय हल्के वाद्य यंत्रों वाले ट्रैक या भावपूर्ण सूफी संगीत सुनता हूं – यह मुझे सही मनोदशा में लाता है। और एक लंबे दिन के बाद, मुझे आराम देने के लिए पुराने हिंदी क्लासिक्स से बेहतर कुछ नहीं है।” दोनों अभिनेताओं के लिए, योग और संगीत स्वास्थ्य प्रवृत्तियों से कहीं अधिक हैं – वे भावनात्मक संतुलन और आत्म-संबंध के लिए आवश्यक उपकरण हैं।

दोनों कलाकारों की शूटिंग शेड्यूल बेहद व्यस्त रहती है, जिसमें लंबे घंटे और अनियमित दिनचर्या शामिल होती है। ऐसे माहौल में।

  • योग ने उन्हें मदद दी तनाव कम करने में, फोकस बनाए रखने में और शारीरिक थकान को मिटाने में।
  • संगीत, खासकर म्यूज़िकल मेडिटेशन या शांत रागों की सहायता से, उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से रीचार्ज करता है।
    पूजा बताती हैं कि योगाभ्यास के दौरान संगीत सुनने से वह “गहराई और आनंद” दोनों अनुभव करती हैं, जबकि आशीष कहते हैं कि संगीत उनके मन को ठंडक पहुँचाता है ।

शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य

  • फिजिकल ब्लॉक और ऊर्जा फोकस:
    योग के माध्यम से शरीर की रक्त‑संचार बेहतर होती है, मांसपेशियों को आराम मिलता है और थकान दूर होती है।
  • मानसिक शांत‍ि और फोकस:
    नियमित योगाभ्यास, विशेषतः प्राणायाम और ध्यान, मन को शांत करता है और चिंता, अवसाद या तनाव को कम करता है।
  • भावनात्मक संतुलन:
    संगीत के माध्यम से चित्‍त को सकारात्मक वाइब मिलता है। यह मूड सुधारने के साथ ही आत्मविश्वास और क्रिएटिविटी भी बढ़ाता है।

योग और संगीत का सामंजस्य: वैज्ञानिक दृष्टिकोण

विश्वभर में कई शोधों से सिद्ध हुआ है कि योगा‑म्यूज़िक थैरेपी:

  • हार्मोन को संतुलित करती है (जैसे कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन)।
  • मस्तिष्क को रीसेट करती है, जिससे न्यूरोट्रांसमीटर संतुलित होते हैं (सेरोटोनिन, डोपामिन)।
  • दिल की गति को धीमा करके रक्तचाप नियंत्रित करती है।
  • संदेशवाहक तंत्रिका तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।

पूजा और आशीष भी इन सैद्धांतिक मतों के अनुसार अपने शरीर व मन में सकारात्‍मक बदलाव महसूस कर रहे हैं।

इंडस्ट्री में ये क्यों महत्वपूर्ण है?

मनोरंजन उद्योग का माहौल अक्सर उच्च तनाव, निरंतर ट्रैवल और भावनात्मक दबाव लेकर आता है। ऐसे में:

  • मनोबल बनाए रखने में मदद करता है।
  • क्रिएटिविटी को निखारे और आत्म‑केंद्रित होमलैंड बनाए रखे।
  • लंबे समय तक स्वास्थ्य बनाए रखने में सहायता करें।

पूजा-अशिष की बात से साफ है कि योग और संगीत ने उन्हें अनचाहे तनाव, चिड़चिड़ाहट और थकान से बचाया है, जिससे वे अधिक संतुलित, खुश और सक्रिय महसूस करने लगे।

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