डिलीवरी के बाद होने वाले डिप्रेशन से महिलाओं को अब राहत मिल सकेगी। दुनिया की पहली गोली ‘जुजुवे’ को अमेरिका ने पोस्टपार्टम डिप्रेशन(postpartum depression) के लिए मंजूरी दे दी है। अब तक चिकित्सक इसके इलाज के लिए नसों के जरिये इंजेक्शन देते रहे हैं। इलाज की यह प्रक्रिया काफी दर्दभरी और परेशान करने वाली होती है।

अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन के मनोरोग दवाओं की निदेशक डॉ. टिफनी फार्चियोन ने कहा, मनोरोग की यह दशा जानलेवा साबित हो सकती है। पूरी दुनिया में मां बनने वाली सात में से एक महिला इस पेराशानी से ग्रसित है। ऐसे में यह दवा लाभ पहंचाएगी। डिप्रेशन की अन्य समस्याओं से भी ये दवा राहत पहुंचा सकती है। दुनियाभर में मां बनने वाली लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन(postpartum depression) से लड़ रही हैं।
2023 के आखिर तक ये दवा उपलब्ध हो जाएगी। दवा कंपनियों बायजन और सेज थेरेप्यूटिक्स ने मिलकर जुर्जुवे बनाई है।

जानकारी के लिए बता दें कि पोस्टपार्टम डिप्रेशन(postpartum depression) में आने वाले बदलावों से महिलाएं तनाव लेने लगती हैं जिसका संबंध बच्चे के जन्म पर होने वाले रासायनिक, सामाजिक मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों से जुड़ा होता है। नई जिम्मेदारियों के कारण जीवन अक्सर गंभीर उदासी और आशंका पैदा हो जाती है। बच्चे के जन्म से लेकर अगले 42 दिन तक इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मां बनने वाली लगभग 22 प्रतिशत महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन से जूझती हैं। भारत में महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल में कमी का हवाला दिया गया है। वहीं, भारत में मां बनी महिलाओं में ‘बेबी ब्लूज’ नामक अवसाद मिलना आम है।

भारत में इसकी वजह सामाजिक कारण भी हैं। जैसे कि बेटे की चाह हो और बेटी हो जाए तो महिला को काफी तनाव और दबाव का सामना करना पड़ता है।