Neera Arya Story: देश को आजाद कराने में कई महिलाओं ने अपना जीवन न्यौछावर कर दिया था। कई महिलाओं ने तो अपना जीवन कालकोठरी में अंग्रेजो की प्रताड़ना सहते निकाल दिया। इन्हीं में से एक महिला थीं ‘आजाद हिंद फौज’ की झांसी रेजिमेंट की सिपाही नीरा आर्या. उन्होंने अपने स्तन तक कटवा दिए लेकिन देश के साथ गद्दरी नहीं की।

5 मार्च 1902 को यूपी के बागपत जिले के खेकड़ा में जन्मी नीरा आर्या छोटी सी उम्र से ही देशभक्ति में डूबी थी। देश की आजादी के लिए नीरा ‘आजाद हिंद फौज’ से जुड़ गई थीं और नीरा को रानी झांसी रेजिमेंट की सिपाही बना दिया गया. अंग्रेजों ने नीरा(Neera Arya) के पति को आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाषचंद बोस की हत्या करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. लेकिन जब नीरा के पति ने नेताजी को मारने की कोशिश की तो नीरा ने खुद अपने पति को चाकू से मार डाला। ब्रिटिश प्रशासन ने पति की हत्या के आरोप में नीरा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

नीरा जब जेल के अंदर थी तब अंग्रेजों ने नेताजी के बारे में जानने के लिए काफी पूछताछ की लेकिन नीरा ने कुछ नहीं बताया…उन्हे अंग्रेजों द्वारा काफी टॉर्चर किया गया. उनके स्तन तक काट दिए गए. उन्होंने अपनी आखिरी सांस तक देश के साथ गद्दारी नहीं की. वो हर रोज नया टॉर्चर सहती रही लेकिन कोई जानकारी अंग्रेजो तक नहीं पहुंचने दी. वो ऐसी देशभक्त थी कि आजादी के बाद जब वो जेल से रिहा हुई तो उन्होंने हैदराबाद में फूल बेचकर अपना गुजारा किया. 1998 में उन्होंने देश को अलविदा कह दिया।
