Unknown facts about Neerja Bhanot: 1963 में नीरजा भनोट का जन्म पत्रकार हरीश भनोट और रमा भनोट के घर हुआ था. उनके माता-पिता ने उनके जन्म से पहले ही सोच लिया था कि अगर उनके घर बेटी का जन्म हुआ तो वे उसे ‘लाडो’ कहकर बुलाएंगे.
नीरजा भनोट पैन एम 73 फ्लाइट की सीनियर पर्सन थी… 1986 में आतंकवादियों से विमान में सवार यात्रियों की जान बचाने के दौरान वो शहीद हो गई थीं. नीरजा उस समय सिर्फ 23 साल की थीं. ये हादसा 5 सितंबर को हो हुआ था जिसके दो दिन बाद नीरजा का जन्मदिन था.

साल 1985 में एक बिजनेसमैन के साथ नीरजा की शादी माता पिता की इच्छा से हुई थी। शादी के बाद जब वो अपने ससुराल गई तब दहेज के लिए उन्हें यातनाएं दी जाने लगीं. नीरजा इन सबसे इतना तंग आ गईं कि शादी के दो महीने बाद ही मुंबई वापस आ गईं और फिर वापस नहीं गई।
वापस मुंबई लौटने के बाद उन्होंने कुछ मॉडलिंग कॉन्ट्रेक्ट पूरे किए और उसके बाद पैन एम एयरलाइन्स ज्वाइन कर लिया। इस दौरान उन्होंने एंटी-हाईजैकिंग कोर्स भी किया।
5 सितंबर को मुंबई से न्यूयॉर्क के लिए रवाना हुए पैम एम 73 विमान को कराची में चार आतंकियों ने हाइजैक कर लिया था.

विमान हाइजैक करने के 17 घंटे बाद आतंकवादियों ने विमान में सवार लोगों को मारना शुरू कर दिया था लेकिन नीरजा ने हिम्मत दिखाई और विमान के इमरजेंसी दरवाजे खोलने में कामयाब हो गई थी।
नीरजा चाहतीं तो इमरजेंसी दरवाजे खोलने के साथ ही सबसे पहले बचकर निकल सकती थीं लेकिन उन्होंने जिम्मेदारी उठाई और पहले यात्रियों को बाहर सुरक्षित निकालने का फैसला किया. जिस समय वो तीन बच्चों को विमान से बाहर सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रही थीं उसी वक्त एक आतंकवादी ने उन पर बंदूक तान दी. मुकाबला करते हुए नीरजा वहीं शहीद हो गईं.
नीरजा की बहादुरी ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हीरोइन ऑफ हाईजैक के रूप में मशहूर कर दिया.नीरजा की याद में एक संस्था नीरजा भनोट पैन एम न्यास की स्थापना की गई है. जो महिलाओं को उनके साहस और वीरता के लिए सम्मानित करती है. नीरजा सबसे युवा और प्रथम महिला थीं, जिन्हें उनकी बहादुरी के लिए अशोक चक्र से सम्मानित किया गया.
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