इस मंदिर में भगवान राम की नहीं बल्कि होती है सीता मां की पूजा

Date:

Karila Mata Temple भारत में शायद ही कोई ऐसा मंदिर होगा जहां भगवान राम की पूजा नहीं होती होगी, जहां श्री राम नहीं पूजे जाते। लेकिन मध्यप्रदेश में एक ऐसा मंदिर है, जहां भगवान राम के बिना माता सीता की पूजा की जाती है।

अपने इस आर्टिकल हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों इस जगह पर महाराज जनक की पुत्री माता सीता को अकेले पूजा जाता है।

यह मंदिर मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले के करीला(Karila mata temple) में मौजूद है। अशोकनगर से 35 किमी दूर यह मंदिर निर्जन पहाड़ी पर स्थित है। माता सीता इस मंदिर में अपने दोनों पुत्रों के साथ विराजमान हैं। मंदिर में लव और कुश के साथ जानकी माता को पूजा जाता है।

मंदिर में भगवान राम की मूर्ति नहीं है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि केवल मध्यप्रदेश ही नहीं श्रीलंका में भी ऐसा मंदिर मौजूद है, जहां माता सीता की अकेले पूजा की जाती है। दुनिया में सिर्फ दो मंदिर हैं, जहां भगवान राम के बिना लोग माता सीता की पूजा करते हैं।

श्रीलंका में स्थित सीता माता का मंदिर अम्मा मंदिर के नाम से मशहूर हैं। यह वही स्थान है जहां रावण द्वारा अपहरण होने पर माता ने अपने कैद के दिन व्यतीत किए थे।
मध्‍यप्रदेश का करीला कोई आम जगह नहीं है, क्योंकि इसका इतिहास भगवान राम से जुड़ा हुआ है। यहां रहने वाले लोगों का मानना है कि जब लोगों की बातों में आकर भगवान राम ने माता सीता का त्याग कर दिया था, तो उनके भाई लक्ष्मण जी माता सीता को करीला में स्थित निर्जन वन में अकेला छोड़कर चले गए थे।

तब माता सीता ने अपने आगे का जीवन, वन में स्थित महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में व्यतीत किया था। यह वही स्थान है जहां, लव कुश ने भगवान राम के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को पकड़कर बांध डाला था।

READ MORE: मिस यूनिवर्स कॉम्पिटिशन में रचा इतिहास, 2 ट्रांसवुमन लेंगी हिस्सा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

चॉकलेट ड्रिप के साथ फल क्रीम केक

हर साल जैसे ही हमारा जन्मदिन कारीब आता है,...

सफलता की बाधाएं: महिला उद्यमियों के बारे में रोचक तथ्य

करीब पचास साल पहले अगर किसी ने महिला उद्यमी...

फलियों की कटाई के बजाय, एक दिन चॉकलेट का निर्माण प्रयोगशालाओं में बड़े पैमाने पर किया जा सकेगा

WWF की रिपोर्ट के अनुसार, कोको की फसल के कारण पश्चिम अफ्रीका, विशेषकर घाना और कोटे डी आइवर में हैरान-जनक वनों की कटाई हो रही है।