
वजन कम करने के लिए कार्ब साइक्लिंग काफी अच्छा माना जाता है। हालांकि, ज्यादातर लोग इसके बारे में पूरी तरह से नहीं जानते हैं। तो चलिए जानते हैं एक्सपर्ट्स से,
जो लोग मोटापे से पीड़ित हैं या किसी भी तरह वजन कम करना चाहते हैं उन्हें कार्बोहाइड्रेट के सेवन से बचना चाहिए। ऐसे में कई आहार हैं, जो कार्ब्स को प्रतिबंधित करते हैं और कुछ ऐसे होते हैं जो उन्हें पूरी तरह से बाहर ही कर देते हैं। ऐसे में कार्ब, सेवन को शरीर के लिए संतुलित रखने में कार्बोहाइड्रेट का एक चक्र हमारी मदद करता है। इसे ‘कार्ब साइकिलिंग’ के नाम से जाना जाता है। आइये जानते है इसके बारे में,

क्या है कार्ब साइकिलिंग
कार्ब साइकिलिंग वास्तव में डाइट का एक तरीका है, जिसमें रोज, सप्ताह में या महीने के आधार पर आपके कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम या ज्यादा किया जाता है। आमतौर पर, जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं या फिर एथलीट्स और बॉडीबिल्डर होते हैं वे कार्ब साइकिलिंग को फॉलो करते हैं। कार्बोहाइड्रेट इनटेक में ये बदलाव, आपकी एनर्जी को एडजस्ट करते हैं, जिससे फैट लॉस में काफी हद तक मदद मिलती है।

कैसे की जाती है कार्ब साइकिलिंग ?
कार्ब साइकिलिंग के दौरान लोग अपने दिनों को हाई कार्ब, मॉडरेट कार्ब और लो कार्ब दिनों में बांटते हैं। जहां हाई कार्ब दिनों में, कार्बोहाइड्रेट का सेवन अधिक किया जाता है, वहीं लो कार्ब वाले दिन में कार्बोहाइड्रेट के सेवन को काफी हद तक कम कर दिया जाता है। इसे कुछ इस तरह समझा जा सकता है :

हाई कार्ब साइकिलिंग
हाई कार्ब वाले दिनों में अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन किया जाता है। आमतौर पर, जब लोग इंटेंस फिजिकल एक्टिविटीज करते हैं, तब वे हाई कार्ब डाइट लेते हैं। जिससे मसल्स में ग्लाइकोजन स्टोर को फिर से भरने में मदद मिलती है।
मॉडरेट कार्ब साइकिलिंग
जब आप बहुत अधिक इंटेंस वर्कआउट नहीं कर रहे हैं या फिर आपका रेस्ट डे है, तब आप मॉडरेट कार्ब ले सकते हैं। इससे आप कार्ब्स को ओवरलोड नहीं करते हैं और इससे आपको लगातार एनर्जी मिलती है, जिससे आप खुद को थका हुआ महसूस नहीं करते हैं।
लो कार्ब साइकिलिंग
लो कार्ब वाले दिनों में कार्बोहाइड्रेट के सेवन को काफी हद तक सीमित कर दिया जाता है। आमतौर पर, लो कार्ब डाइट लेने के पीछे का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि शरीर को एनर्जी देने के लिए स्टोर फैट का उपयोग किया जा सके । इससे फैट लॉस में मदद मिलती है।
