हमारे समाज में महिलाओं को हमेशा बताया जाता है कि उनके लिए क्या सही है और क्या नहीं। ऐसा पुरुषों के साथ क्यों नहीं होता? क्यों हमेशा महिलाओं की चॉइस के उपर सवाल उठाया जाता है। अगर कोई महिला घर का काम करने की बजाय जॉब करना चाहती है तब भी समाज को समस्या होती है। लोगों की महिलाओं के कपड़ों की चॉइस पर भी परेशानी होती है इसको लेकर भी लोग जज करते हैं। आज हम बात करेंगे कि कब हम महिलाओं को बताना बंद करेंगे उन्हें अपनी जिंदगी में क्या करना चाहिए ,
कब महिलाओं के लिए बंद होगा उनकी जगह दिखाना…
आज भी हमारे समाज में सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह है कि इसमें पुरुषो का राज चलता है इसलिए महिलाओं को हमेशा नीचे ही समझा जाता है। हमें लगता है कि उनकी अपनी समझ बहुत कम है और महिलाओं के फैसले भी पुरुषों को ही लेने पड़ते हैं।
ऐसी बहुत सारी औरतें हैं जिनके अंदर अपने लिए फैसला लेने का कॉन्फिडेंस नहीं है। उन्होंने कभी अपने मन की बात की ही नहीं। उन्हें जो परिवार या समाज में कहा उन्होंने वैसा ही मान लिया क्योंकि उन्हें लगा कि यही मेरे लिए सही है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। आपका जो मन है, आप वैसे कर सकते हैं। इसके लिए आपको किसी की परमिशन लेने की जरूरत नहीं है।
अगर आपका मन घर से बाहर जाकर काम करने का है तो आप कर सकती हैं , अगर आप अपना बिजनेस करना चाहती हैं आप तब भी कर सकती हैं। अगर आपकी चॉइस है कि मैं हाउसवाइफ बनूंगी और अपने बच्चों की परवरिश करूंगी तो इसके लिए भी किसी से कोई आज्ञा लेने की जरुरत नहीं है आपको कोई जज नहीं कर सकता।
अगर आपका.मन शादी करने का नहीं है यह भी आपकी चॉइस होगी। अगर आप शादी करना चाहती हैं और शादी के बाद जॉब करना चाहती हैं तो यह भी पूरी तरह से आपका ही फैसला होना चाहिए। आप जैसे चाहे वैसे अपनी जिंदगी बिता सकती हैं। इसके लिए आपको अपने अंदर कॉन्फिडेंस लाना चाहिए , और आर्थिक रूप से आजाद होना होगा।
इन सब के अलावा आपको अपने लिए स्टैंड लेना होगा, ऐसा नहीं है कि आपको कुछ बोला नहीं जाएगा या फिर आपको रोकने की कोशिश नहीं की जाएगी लेकिन आपको अपने इरादों पर डटे रहना है।