
सर्केडियन रिदम की समस्या उन लोगों को ज्यादा होती है जो रात में देर तक जागते हैं और देर से सोते हैं। सर्केडियन रिदम, जिसे हमारी जैविक घड़ी भी कहा जाता है, हमारी फिजिकल एक्टिविटीज को प्रभावित करता है।

यह रिदम न केवल हमारी नींद और जागने के चक्र को प्रभावित करता है, बल्कि हमारे मेटाबालिज्म और वजन पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। जब सर्केडियन रिदम में गड़बड़ी होती है, तो यह हमारे मेटाबॉलिज्म पर नेगेटिव इफ़ेक्ट डाल सकती है, जिससे मोटापे का खतरा कई हद तक बढ़ जाता है।
क्यों होता है सर्केडियन रिदम
सर्केडियन रिदम में गड़बड़ी का सबसे बड़ा कारण इर्रेगुलर नींद, शिफ्ट वर्क आदि है। जो लोग देर रात तक जागते हैं और देर से सोते हैं। उनमें मोटापे का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, रात में खाने से भी वजन बढ़ सकता है, क्योंकि हमारा मेटाबॉलिज्म रात में धीमा हो जाता है।
कैसे करें बचाव
सर्केडियन रिदम से बचाव के लिए नियमित नींद का समय, संतुलित आहार, नेचुरल लाइट, फिजिकल एक्टिविटीज आदि पर ध्यान देना चाहिए। सर्केडियन रिदम हमारे मेटाबॉलिज्म और वजन को सीधे एफेक्ट करता है। इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली और नियमित आदतें अपनाना आवश्यक है, जिससे सर्केडियन रिदम सही तरीके से काम कर सके और मोटापे से बचा जा सके।