त्योहारों की सुनहरी आहट दरवाजे पर दस्तक दे रही है। रोशनी, रंग और रौनक से भरे इन दिनों में हर दिल चाहतों और उमंगों से भर उठता है। अदीरा का यह अक्टूबर अंक भी उसी उजाले को अपने पन्नों पर समेटे आपके सामने है।
यह अंक स्त्री-शक्ति का आईना है कभी माँ का अडिग संकल्प, तो कभी ऑफिस में सीमाएं तय करती आत्मनिर्भर महिला, कभी गृहिणी और बॉस दोनों भूमिकाओं में संतुलन साधती नारी, तो कभी रिश्तों की उलझनों में सवाल करती आधुनिक स्त्री। इन पन्नों में हर महिला अपनी छवि पाएगी। त्योहारों की मिठास भी हमने सहेजी है। मावा केक की खुशबू, मोहन याल का स्वाद और मूंग दाल रसभरी की मिठास इस अंक में ऐसे घुली है जैसे दीपावली की रात में दीपों की झिलमिलाहट। वहीं फैशन के रंगों में करवा चौथ का जोड़ा, दिवाली के पारंपरिक और ट्रेंडी आउटफिट्स, और घर को सजाने वाले अनोखे डेकोर आइडियाज भी शामिल हैं।
रिश्तों और भावनाओं की परतें भी यहां खुलती है पुराने क्रश से मुलाकात की हलचल, लव और अरेंज मैरिज का सवाल, या फिर बेहतर वैवाहिक जीवन के रहस्य। साथ ही, हंसी-मजाक से लेकर सेहत जैसे अहम मुद्दे सर्वाइकल कैंसर पर चेतावनी तक, हर पहलू पर विचार मिलता है। संक्षेप में, यह अंक सिर्फ पढ़ने भर के लिए नहीं, बल्कि त्योहारों की तरह जीने और महसूस करने के लिए है। अदीरा के पन्ने इस बार आपके मन, घर और रिश्तों तीनों को रोशनी और रंगों से सजाने के लिए तैयार है।
क्या आपके मन में भी है कोई कविता, कोई कहानी या कोई अनुभव जो आप शब्दों में ढालना चाहती हैं? तो अदीरा आपके शब्दों का मंच बनने को तैयार है। आपकी रचना हो सकती है हमारी अगली प्रस्तुति। हमें मेल करें aapkiadira@gmail.com या व्हाट्सएप पर भेजें: 9116200518 आपके जज्बात, आपके शब्द अब सब तक पहुंचेंगे अदीरा के साथ।
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