अंतिम पंघाल ने किया देश का नाम रौशन

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Antim Panghal: अगर आप किसी चीज को सिद्दत से पाना चाहो तो पूरी कायनात आपको उससे मिलाने की कोशिश करती है ये डायलॉग भले ही फिल्मी लगे लेकिन सच है। क्योंकि जब हम किसी चीज को पाना चाहते हैं तो उसके लिए कड़ी मेहनत करते हैं और तब मंजिल हमें हासिल हो जाती है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है भारत की 19 साल की पहलवान अंतिम पंघाल।

भारत के लिए नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर खेल खेलने वाली अंतिम पंघाल पहलवान हैं। हाल ही में उन्होंने सर्बिया के बेलग्रेड में जारी वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है। इससे पहले भी वो अलग-अलग देशों के पहलवानों को मात दे चुकी हैं।

हरियाणा के हिसार जिले के भागाना गांव की रहने वाली अंतिम पंघाल सालों से भारत के लिए अलग-अलग मेडल जीत रही हैं। 

अंतिम पंघाल की ट्रेनिंग में उनके पिता ने अहम भूमिका निभाई है।

अंतिम पंघाल अपने भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। उनके पिता किसान हैं, लेकिन इसके बावजूद अंतिम को तैयारी में कभी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। अंतिम ने महावीर स्टेडियम और हिसार के गंगवा में रहकर बाबा लाल दास अखाड़ा से ट्रेनिंग ली है। 

अंतिम ने हासिल किया वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक

अंतिम पंघाल वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली आठवीं भारतीय महिला पहलवान बन चुकीं हैं। साल 2006 में अंतिम से पहले अलका तोमर, 2012 में  गीता फोगाट, 2012 में गीता फोगाट, 2018 में पूजा ढांडा, विनेश फोगाट, सरिता मोर और अंशू मलिक जैसी पहलवान इस पदक को अपने नाम कर चुकी हैं। 

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