गाजियाबाद की आरुषि अग्रवाल ने साबित कर दिया है कि सच्ची लगन और जुनून के साथ उठाया गया कदम किस तरह बड़ी सफलता में बदल सकता है। आज जब अधिकांश युवा करोड़ों की नौकरी पाने का सपना देखते हैं, वहीं आरुषि ने दो बड़ी कंपनियों के ₹1 करोड़ के पैकेज ठुकरा दिए और खुद का स्टार्टअप शुरू करने का फैसला किया। आज उनकी कंपनी TalentDecrypt की वैल्यू ₹50 करोड़ से ज्यादा है और यह भारत ही नहीं, अमेरिका, जर्मनी, सिंगापुर और यूएई में भी अपनी सेवाएं दे रही है।
शुरुआत एक सपने से
आरुषि ने अपनी पढ़ाई जेपी इंस्टीट्यूट से बीटेक और एमटेक करके पूरी की और आईआईटी दिल्ली से इंटर्नशिप भी की। लेकिन उनके मन में हमेशा से एक सवाल था – “जो स्टूडेंट्स प्लेसमेंट में पिछड़ जाते हैं, उनकी मदद कैसे की जाए?” इसी सवाल का हल खोजते हुए उन्होंने खुद से कोडिंग सीखी और 2020 में सिर्फ ₹1 लाख की पूंजी से TalentDecrypt की शुरुआत की।
TalentDecrypt – एक भरोसेमंद डिजिटल प्लेटफॉर्म
कोरोना काल के दौरान शुरू हुई यह कंपनी आज 10 लाख से अधिक जॉब सीकर्स की मदद कर चुकी है। इसका फोकस खासतौर पर तकनीकी भर्तियों (tech hiring) पर है। TalentDecrypt ने 380 से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी की है और यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है, जहां प्रतिभा और अवसर का मिलन होता है।
सुविधाएं
ऑनलाइन असेसमेंट में धोखाधड़ी रोकने के लिए खास सिक्योरिटी फीचर
एआई आधारित कोडिंग टेस्ट
कंपनियों के लिए कस्टमाइज्ड स्किल असेसमेंट
युवाओं के लिए हैकथॉन व स्किल बूटकैंप
वैश्विक स्तर पर पहचान
नोएडा स्थित ऑफिस में आज 20 लोगों की एक प्रोफेशनल टीम TalentDecrypt को संभाल रही है। यह कंपनी भारत के अलावा अमेरिका, जर्मनी, सिंगापुर और यूएई में भी अपनी सेवाएं दे रही है।
सम्मान और उपलब्धियां
आरुषि की उपलब्धियों को नीति आयोग ने भी सराहा है। उन्हें भारत की शीर्ष 75 महिला उद्यमियों में स्थान दिया गया है। यह न सिर्फ उनके लिए, बल्कि देश की लाखों लड़कियों के लिए एक प्रेरणा है।
आरुषि का संदेश
“पैशन को फॉलो करना आसान नहीं होता, लेकिन जब आप समाज की किसी बड़ी समस्या को हल करने का बीड़ा उठाते हैं, तो राहें खुद बनती चली जाती हैं।”
सीख जो हर युवा को लेनी चाहिए
नौकरी से बड़ा होता है आत्मविश्वास और इनोवेशन। अगर आप किसी समस्या को हल कर सकते हैं, तो वही आपकी सबसे बड़ी ताकत बन जाती है। रिस्क लेने से डरो मत, क्योंकि वही आगे बढ़ने का रास्ता है।