नेचर लवर हैं तो भारत की इस जगह पर आपको मिलेगी जन्नत

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केरल दक्षिण भारत में बसा वो राज्य है जो बीचों और बाँधों के लिए मशहूर है। आइए जानते हैं कि पर्यटन की दृष्टि से केरल की कौन सी जगहें घूमने लायक हैं।–

नेल्लीयमपैथी 

केरल व तमिलनाडु की सरहद पर बसी यह जगह आपको किसी सपने से कम नहीं लगेगी। हवाओं को चीरती हुई भीनी-सी खुशबू जो आपके नाक से होते हुए ज़हन में जा बसेगी वो खुशबू है- कॉफी की। यहां आसपास के इलाक़े में चाय, कॉफी व इलाईची की खेती की जाती है। एक बढ़िया अवकाश को बिताने के लिए यहाँ आया जा सकता है।

अल्लेप्पी 

पूर्व का वैनिस कहा जाने वाला ये स्थान केरल की सबसे आकर्षक जगह है। नारियल के पेडो़ से होकर गुज़रती नौकाऐं आपको आनंद प्रदान करेंगी। हाउस बोट में रहना आपको एक नया अनुभव प्रदान करेगा। आप यहाँ आकर केरल के पारंपरिक भोजन का स्वाद भी चख सकते हैं। यहाँ की बोट रेस भी यात्रियों के बीच बेहद लोकप्रिय है।

मुन्नार 

मुन्नार दर्शनीय स्थल केरल का पहाड़ी इलाक़ा है। बादलों को स्पर्श करते ऊँचे-ऊँचे पहाड़ आपको ऐसा एहसास कराऐंगे कि, आपके हाथ उठाते ही आप बादलों को पकड़ लेगें। न्यूली मैरिड कपल के लिए ये बेहद खूबसूरत गंतव्य माना जाता है। ये पहाड़ का डिज़ाइन खासतौर पर चाय के उत्पादन के लिए किया गया है। चाय की सौंधी खुशबू आप अंतःकरण में लीन हो जाएगी।

वायनाड 

ये केरल की सबसे ज़्यादा हरियाली युक्त जगह है। केरल की खास बात है कि यहां की सरल व साधारण संस्कृति और रीति-रिवाज़ को अपनाने में आपको जरा भी कठिनाई नहीं होगी। मलयालम में वायनाड का अर्थ होता है- धान के खेतों की भूमि। आप इस प्रदूषणरहित वातावरण में चैन की साँस ले सकेंगे वरना आज के समय में तो हर जगह प्रदूषण ग्रस्त है।

थेक्कड़ी 

यह स्थान पेरियर वन्यजीव अभ्यारण के लिए लोगों के बीच अधिक लोकप्रिय है। यह बहुत-से विलुप्त जानवरों और 200 से भी ज्यादा पक्षियों का निवास स्थान है। खासतौर पर यह हाथियों का स्थल है जहां पर अन्य जीव भी आपको देखने के लिए मिलेंगे जैसे-बाघ, जंगली बिल्ली, सांभर, नीलगिरी लंगूर, गौर आदि। यदि आप घने जंगल के बीच से होती हुई नदी से गुज़रना चाहते है तो आप अपनी ये इच्छा पूर्ण कर सकते हैं क्योंकि यहाँ नौकाओं की भी व्यवस्था है।

श्री पद्मनाभास्वामी मंदिर 

धार्मिक स्थल में केरल का यह मंदिर अपनी अलग पकड़ बनाए बैठा है। भगवान विष्णु का यह खास मंदिर बड़ी ही कलाकारी से बनाया गया है। जीवंत हो उठने वाली मूर्तियां व उत्तम श्रेणी की वास्तुकला मंदिर के हर एक कोने को जागृत कर देती है। यह देश का सबसे प्राचीन विष्णु मंदिर है। यहाँ सबसे ज़्यादा भक्त नवंबर,दिसंबर,मार्च व अप्रैल के अंतर्गत कुछ विशेष त्योहारों पर आते हैं।

कोच्चि 

कोच्चि को “अरब सागर की रानी” भी कहा जाता है। यह केरल का वित्तिय,व्यावसायिक व औद्योगिक केंद्र है। इस शहर में कुछ आर्ट गैलरी हैं जो, आपको कला के लिए प्रोत्साहित करेंगी। देर रात तक आनंद प्राप्ति के लिए पब और शॉपिंग के लिए आपको यहाँ बहुत सी मार्केट आसानी से मिल जाएंगी। अपनी मन की शांति के लिए मंदिरों की शरण भी ली जा सकती है।

कोवलम 

अरब सागर के तटीय इलाकों पर बसा यह गाँव इसके पास मौजूदा तीन बीचों के लिए प्रख्यात है। ये तीन बीच हैं- लाईटहाऊस बीच, समुद्र बीच व हवाह बीच जो इसके सौंदर्य को चौगुना करते हैं। ये पूरा इलाक़ा लंबे-लंबे नारियल के पेड़ों से घिरा हुआ है इसलिए आपको यहाँ ताज़ा नारियल चखने को मिलेंगे। योगा, ध्यान लगाना यहाँ के माहौल को और अधिक शांतिपूर्ण हबनाता है। यह विभिन्न प्रकार की वस्तुओं की खरीदारी का गंतव्य स्थान भी है जैसै- पारंपरिक मसालें, लकड़ी की मूर्तियां, हस्तशिल्प।

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