अगर दिखाई दे रहे हैं ये लक्षण तो न करें नजरअंदाज वरना ब्रेस्ट कैंसर को दे सकते है निमंत्रण

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भारत में हर 4 मिनट में कोई न कोई महिला ब्रेस्ट कैंसर का शिकार बनती जा रही है। ये काफी हैरान करने वाले आंकड़े है जिसके बाद हम सभई को अब सतर्क हो जाना चाहिए। क्योंकि अगर हम सावधान रहेंगे तो इस बीमारी को रोका जा सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में महिलाओं में फैलने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर सबसे ज्यादा कॉमन है?

इसके लिए हर महिला को रेगुलर सेल्फ एग्ज़ामिनेशन जरूर कराते रहना चाहिए इसलिए डॉक्टर के पास विज़िट करना बिल्कुल न भूलें लेकिन सबसे पहले आपको घर पर ही सेल्फ एग्ज़ामिनेशन करना चाहिए। ब्रेस्ट सेल्फ-एग्ज़ामिनेशन की कम जानकारी होने के कारण कई महिलाएं इस गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो जाती हैं। 

महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर के अधिकतर केसेज तीसरी या चौथी स्टेज में पता चल पाते हैं, लेकिन रेगुलर सेल्फ-एग्ज़ामिनेशन यानी खुद से अपनी ब्रेस्ट को एग्ज़ामिन करके आप इसकी आगे बढ़ने की आशंका को समय रहते ही रोक सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि ब्रेस्ट कैंसर का सबसे आम लक्षण एक दर्द रहित गांठ है। लेकिन ये भी ध्यान रखें कि सभी गांठ कैंसर नहीं हो सकती हैं, इसमें अंतर करने का एक तरीका है।

कैंसर वाली गांठ आमतौर पर एक जगह पर टिकी होती है यानी हिलने-डुलने में मुश्किल होने के साथ ही उसमें किसी तरह का दर्द का एहसास नहीं होता। इसके साथ ही, यहां कुछ और लक्षण हम आपको बताएंगे जिन पर आप ध्यान दे सकते हैं।

  • निप्पल वाले एरिया में रेडनेस या परतदार त्वचा।
  • निप्पल के आसपास रैश ।
  • बगल के नीचे या हंसली के पास सूजन होना ।
  • स्तनों या बगल के पास जलन महसूस होना ।
  • स्तनों में या आसपास हल्का या गंभीर दर्द होना।
  • अगर आपको इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव हो रहा है तो  डॉक्टर से इस बारे में कंसल्ट ज़रूर करें। क्योंकि गूगल आपको भ्रम में डाल सकता है और सदमे में डाल सकता है।
  • ब्रेस्ट कैंसर के लिए कोई ऐसी उम्र तय नहीं है ये किसी भी उम्र में हो सकता है, फिर चाहे आप 20s में ही क्यों न हो। इसलिए अपना रेगुलर चेकअप कराते रहें ताकि आप खुद का ध्यान रख सकें। 
  • ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ा सबसे बड़ा मिथ है कि ये सिर्फ महिलाओं को हो सकता है जबकि पुरुषों के भी ब्रेस्ट टिशूज़ होते हैं। हालांकि पुरुषों में इस तरह की बीमारी का आंकड़ा भारत में काफी कम है पर वे भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। 
  • उम्र के शुरूआती पड़ाव में ही रोज़ के सेल्फ केयर रूटीन में अगर ब्रेस्ट के सेल्फ एग्ज़ामिनेशन को शामिल कर लिया जाए तो इससे बेहतर सलाह कोई हो नहीं सकती है। 
  • एक हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं को 40 की उम्र के बाद हर साल मैमोग्राम टेस्ट या मैमोग्राफी जरूर करवानी चाहिए। 

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