101 वर्षीय योग प्रशिक्षक चार्लोट चोपिन को भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री प्रदान किया गया।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार 2024 के दौरान 101 वर्षीय चार्लोट चोपिन को भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया। फ्रांस के रहने वाले चोपिन चार दशकों से अधिक समय से योग प्रशिक्षक हैं और उन्हें यह पुरस्कार “50 वर्ष की आयु के बाद योग सीखकर आयु-सीमा के मानदंडों को चुनौती देने” के लिए दिया गया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आधिकारिक पोस्ट में कहा गया, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने श्रीमती चार्लोट चोपिन को योग के क्षेत्र में पद्म श्री प्रदान किया। वह एक प्रसिद्ध फ्रांसीसी योग शिक्षिका हैं। श्रीमती चोपिन चार दशकों से अधिक समय से योग सिखा रही हैं और 101 वर्ष की आयु में भी योग शिक्षिका के रूप में सक्रिय हैं।”
उनकी सबसे मज़ेदार मुलाक़ात उस वक्त हुई जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 2023 के पेरिस दौरे में हुई उनकी पहली बात‑चीत, जिसमें पीएम ने उनकी “गहरी आस्था और योग प्रचार” की तारीफ की। इन्होने शुरुआत सिर्फ 50 की उम्र में की – और 50 साल में बना दिया फ्रांस में योग का समंदर! 101 की उम्र तक एक्टिव टीचर बनी रही – सच में: ‘आयु केवल नंबर है’।

शॉरलोट चोपिन का मानना है कि आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में इंसान अपने शरीर और मन से पूरी तरह कट चुका है। हम हर दिन सिर्फ दौड़ते जा रहे हैं – कभी डेडलाइन के पीछे, कभी सपनों के पीछे, लेकिन खुद के भीतर झांकना ही भूल गए हैं। यहीं पर योग हमें रोकता है, सांस लेने का मौका देता है, और खुद से एक बार फिर जुड़ने का रास्ता दिखाता है।