एक दौर था जब किसी भी काम को जेंडर के हिसाब से बाट दिया जाता था…लोगों ने ये धारणा बना ली थी कि ये काम महिला का है और ये काम पुरुष का है…घर काम करना है तो पुरुष ही करेंगे और अगर घर संभालना है तो वो महिलाओं को ही करना पड़ता था। ऐसा शायद इसलिए भी होता था क्योंकि महिलाओं को इन कामों के काबिल नहीं समझा जाता था।
आज भी जब महिलाओं को गाड़ी चलाते देखा जाता है तो लोग कमेंट करते दिखते हैं कि भइया हम ही रुक जाएं आगे मैडम हैं कुछ भी कर सकती हैं आज भी लोगों को महिलाओं की काबिलियत पर शक है… चलिए ये तो एक मानसिकता है जो बदली नहीं जा सकती। लेकिन लोग चाहे कुछ भी कहें महिलाओं ने अपनी स्थिति को बदल लिया है आज वो कैब, बस क्या हवाई जहाज़ तक उड़ा रही हैं और हर काम को करने में निपुण हैं।

आज के वक्त में कैब सबसे जरूरी साधन है हमने आज तक जब भी कैब बुक की है तो एक पुरुष ड्राइवर ही हमें पिक करने आता है… लेकिन आपने कभी किसी महिला ड्राइवर के आने की उम्मीद नहीं की होगी, लेकिन बदलती सोच ने सबकुछ बदल दिया है। आज एक महिला भी कैब ड्राइवर हो सकती है। जैसे कोलकाता की महिला ऊबर ड्राइवर दीप्ता घोष। उनके बारे में लोगों को तब पता चला जब उनकी कहानी को परम कल्याण सिंह नाम के एक Facebook User ने Facebook साथियों के साथ शेयर किया है।

वैसे तो दीप्ता इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में B-Tech ग्रेजुएट हैं और 6 साल तक उन्होंने जॉब की है। उनके साथ उनकी मां और छोटी बहन है। वही 2020 में उनके पिता का देहांत हो गया था उस वक्त वो अपनी मां और बहन को छोड़कर कोलकाता से नहीं जाना चाहती थीं। वहीं दीप्ता को सारी अच्छी नौकरियों के ऑफर भी कोलकाता से बाहर के ही आ रहे थे…तभी उन्होंने कमर्शियल ड्राइवर लाइसेंस लिया और कैब चलाने का निर्णय लिया। दीप्ता को गाड़ी चलानी आती है तो उन्होंने एक Alto कार ख़रीदी और साल 2021 में Uber कैब ड्राइवर बन गई।
आपको बता दें कि दीप्ता हफ़्ते में 6 दिन रोज़ लगभग 6-7 घंटे कैब चलाती है और महीने का 40,000 रुपये तक कमा लेती हैं।