पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इसे बहुत खास माना जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ व्रत का भी विशेष विधान है। इसके अतिरिक्त कुछ नियम भी हैं जिनका पालन किया जाना चाहिए। मसलन, महाशिवरात्रि पर आपको कुछ खास काम करने से बचना चाहिए।
इन चीजों को न चढ़ाएं
भगवान शिव की पूजा करते समय उन्हें हल्दी, रोली, मेहंदी, सिंदूर जैसी चीजों बिल्कुल भी नहीं चढ़ानी चाहिए। क्योंकि यह सभी चीजें स्त्री तत्व माने जाते हैं।

ये फूल न चढ़ाएं
भगवान शिव की आराधना करते समय इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें कमल, कनेर, केतकी आदि फूल बिल्कुल भी चढ़ाएं।

ऐसे चावल न चढ़ाएं
भगवान शिव को कच्चा चावल यानी अक्षत चढ़ाना शुभ माना जाता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि वह टूटे हुए न हो। माना जाता है कि इससे शंकर जी रुष्ट हो जाते हैं।

काले तिल न चढ़ाएं
भगवान शिव को काले तिल बिल्कुल भी नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि इससे पितरों का तर्पण किया जाता है और शनिदेव को अर्पित करना शुभ माना जाता है।

शंख से जल
भगवान शिव को कभी भी शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि भगवान शिव ने श्री हरि विष्णु के परम भक्त शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया। इस कारण शंख से भगवान शिव को जल बिल्कुल भी अर्पित न करें।

इन चीजों का सेवन न करें
महाशिवरात्रि के दिन मांस-मदिरा के अलावा तामसिक भोजन(लहसुन-प्याज) का सेवन बिल्कुल भी न करें।

दिन में न सोएं
महाशिवरात्रि के दिन जिन लोगों ने व्रत रखा है। वह लोग दिन के समय बिल्कुल भी न सोएं बल्कि भगवान शिव की आराधना करें।
