गुलाबी नगरी का गुलाल गोटा बहुत प्रसिद्ध है। अभी होली आई नहीं है, लेकिन पूरे राजस्थान की मार्केट में आपको हर जगह ये दिख जाएगा। इसमें चार ग्राम लाख और आठ ग्राम गुलाल होता है। आप इन्हें ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।

गुलाल गोटा इसलिए खास है क्योंकि दुनिया में जितने भी बदलाव हुए हैं, उनमें यह अपरिवर्तित रहा है। गुलाल गोटा बनाने वाले कारिगर का कहना है कि इसका संबंध महाभारत से है। महाभारत के मुख्य पात्र युधिष्ठिर ने इंद्रप्रस्थ महल का निर्माण किया दुर्योधन वहां जमीन को पानी समझ उसमें जा गिरा। इसके साथ ही उसने थाली में सजे फल उठाकर खाए, तो मुंह कड़वा हो गया। दरअसल वो गुलाल गोटे थे।

इससे पहले गुलाल गोटा सिर्फ जयपुर के पूर्व राजघराने को दिया जाता था। लेकिन अब, वे आम लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं, और अहमदाबाद, मथुरा और वृंदावन सहित भारत में कई अलग-अलग जगहों पर भेजे जा रहे हैं। लोग बड़ी मात्रा में इन्हें ले रहे हैं और ऑनलाइन बेच रहे हैं।

जयपुर अपने लाख के काम के लिए जाना जाता है। इसमें लाख को गर्म करना और फिर इसे फुलाने के लिए ब्लोपाइप का उपयोग करना और लाख की एक पतली परत बनाना शामिल है। इसे एक बार किसी पर मारने पर लाख टूट जाएगा और व्यक्ति गुलाल (अरारोट) के मिश्रण में सराबोर हो जाएगा। जयपुर में लाख अक्सर अंगूर, सेब और अनार के रूप में बनाया जाता है।
