अगर आपको रोमांच का शौक है तब भी भारत के इन जगहों पर जाने से पहले हजार बार सोच लें, क्योंकि यह जगहे श्रापित हैं। यहां रात के समय कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जो रहस्यमयी और खतरनाक है।
कालिंजर
कालिंजर का किला जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां आज भी एक खूबसूरत नर्तकी पद्मावती के पायलों की आवाज गूंजती है।

भानगढ़ का किला
भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में स्थित यह है। कुछ लोग इस किले को प्रेत बाधित तो कुछ तांत्रिक द्वारा शापित मानते हैं। यह किला वर्षों से एक रहस्य है। भारत सरकार के पुरातत्व विभाग ने इस किले में रात के समय प्रवेश वर्जित कर रखा है। यह किस कारण से है यह तो नहीं कहा जा सकता है लेकिन कहते हैं यहां रात के समय जाना खतरे से खाली नहीं है।

कुर्सियांग
कुर्सियांग दार्जलिंग का एक हिल स्टेशन। अंग्रेजी में ‘कर्स’ का अर्थ होता है श्राप। इसी कर्स शब्द से इस जगह नाम रखा गया है कुर्सियांग यानी श्रापित जगह। यहां के बारे कहा जाता है कि यहां के जंगल में एक सिर कटा व्यक्ति घूमता है। रात के समय डाउ हिल के जंगलों में जाना, मौत को निमंत्रण देना कहा जाता है।

हारांगुलल गांव
हारांगुलल गांव महाराष्ट्र के लातूर जिले में स्थित है। कहा जाता है कि यहां से 15वीं शताब्दी में काले जादू से डायन बनने की परंपरा आरंभ हुई थी। आज भी यह गांव डायन के डर के साये में जीता है। यहां कोई भी इंसान रात के समय पेड़ के आस-पास नहीं सोता है। पेड़ में कील नहीं ठोंकता है और न पेड़ के पास मूत्र विसर्जन करता है। क्योंकि ऐसी गलती करने पर डायन बुरा हाल कर देती है।

कुलधारा
जैसलमेर से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ये श्रापित गांव कुलधारा 1825 से वीरान पड़ा है। कहा जाता है कि पालीवाल ब्राह्मणों ने इस गांव को श्राप दिया है कि यह कभी दोबारा बस नहीं पाएगा। तभी से यह गांव वीरान पड़ा हुआ है। लोग बताते हैं कि यहां रात में अजीबो-गरीब आवाजें आती हैं। इसलिए इस गांव में रात के समय कोई नहीं जाता।

मथुरा का निधिवन
मथुरा का निधिवन कहा जाता हैं यहां पर आज भी भगवान श्रीकृष्ण और देवी राधा गोपियों संग रास रचाते हैं। इसलिए शाम ढ़लते ही इस वन का दरवाजा बंद हो जाता है। पशु पक्षी भी वन से चले हैं। मान्यता है कि जो भी इस वन में रात के समय रह जाता है उसकी मृत्यु हो जाती है या अपनी सुध-बुध खो देता है।

किराडू का मंदिर
राजस्थान के बारमेर जिले में स्थित है किराडू का मंदिर जिसे राजस्थान का खजुराहो भी कहते हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह शापित है। एक साधु के श्राप के कारण यहां लोग शाम ढ़लने के बाद नहीं ठहरते हैं। कहते हैं यहां रात को जो ठहरता है वह या तो पत्थर का बन जाता है या उनकी मौत हो जाती है।

रूपकुंड
रूपकुंड उत्तराखंड में स्थित। यहां हर तरफ आपको नर कंकाल दिख जाएगा। इन नर कंकालों का क्या रहस्य है यह कोई नहीं जानता। कुछ वैज्ञानिक इसे प्राकृतिक आपदा का कारण मानते हैं। लेकिन रहस्य अब भी बरकरार है। यहां रात तो क्या दिन में जाना भी खतरनाक है क्योंकि यहां के मौसम का कोई ठिकाना नहीं है।
