Jiutiya Vrat: हिंदू धर्म में जितिया व्रत का बहुत महत्व माना गया है। पुत्र की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखा जाता है। इसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है। जितिया व्रत नहाय खाय से आरंभ होकर सप्तमी, अष्टमी और नवमी तक चलता है। इस दौरान मां पुत्र प्राप्ति के लिए भी व्रत रखती हैं। यह एक निर्जला व्रत है।
मान्यता है कि, ये व्रत महाभारत के समय से चला आ रहा है। जब द्रोणाचार्य का वध किया गया था तो उनके बेटे अश्वत्थामा ने क्रोधित होकर ब्रह्मास्त्र चला दिया था।
जिससे अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहा शिशु खत्म हो गया था। फिर अभिमन्यु की पत्नी ने ये व्रत रखा जिसके बाद, श्रीकृष्ण ने शिशु को फिर जीवित कर दिया। तभी से महिलाएं अपने बच्चे की लंबी उम्र के लिए ये व्रत करती है।
इस साल जितिया व्रत 6 अक्तूबर 2023 को मनाया जा रहा है। सुबह 06 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगी। साथ ही अष्टमी तिथि का समापन 7 अक्तूबर 2023 को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर होगा। वहीं व्रत पारण का समय – सुबह 08.08 के बाद का है। जानकारी के लिए बता दें,कि ये व्रत विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, झारखण्ड और बिहार में मनाया जाता है। यह बहुत कठिन व्रत है। यह तीन दिन तक चलता है। इस त्योहार का आरंभ सप्तमी तिथि पर नहाय खाय परंपरा से होती है। जिसमें महिलाएं नदी में स्नान के बाद पूजा का सात्विक भोग बनाती हैं। वहीं दूसरे दिन अष्टमी को निर्जला उपवास किया जाता है। इसके बाद नवमी तिथि पर इसका पारण कर दिया जाता है।
जितिया व्रत में पूजा व उसकी विधि दोनों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उपवास के दिन स्नान के बाद स्त्रियां कुशा से बनी जीमूतवाहन भगवान की प्रतिमा के समक्ष धूप-दीप, चावल और पुष्ण अर्पित कर विधि विधान से पूजा करती है।