कहते हैं पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते हैं। ऐसी ही एक कहानी हम आपके साथ साझा कर रहे हैं, जिससे न केवल आपको प्रेरणा मिलेगी बल्कि आप दूसरों को भी उनकी जर्नी से मोटिवेट करेंगे। आइए जानते हैं महज तीन साल की उम्र से ही सफलता की नई इबारत लिखने वाली श्रीलक्ष्मी सुरेश के बारे में ….
केरल के कोझिकोड में 5 फरवरी वर्ष 1998 में जन्मीं श्रीलक्ष्मी सुरेश ने महज तीन साल की उम्र में कंप्यूटर चलाना सीख लिया था। 6 साल की उम्र में उन्होंने वेबसाइट भी बना डाली। साल 2009 में 11 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी वेब डिजाइन कंपनी ई-डिजाइन टेक्नाॅलजीज की नींव डाल दी। उनके कदम यही नहीं रूके।
मिल चुके हैं कई ख़िताब
लगातार तरक्की के पायदान चढ़ रहीं श्रीलक्ष्मी को साल 2008 राष्ट्रीय बाल पुरूस्कार से सम्मानित किया गया। इसके आलावा उन्हें अब तक कई नेशनल और इंटरनैशनल अवाॅर्ड्स से नवाजा जा चुका है। उनके क्लाइंट्स की बात करें तो माइक्रोसाफ्ट, नोकिया और कोका कोला जैसी नामी-गिरामी कंपनियों ने उनकी कंपनी की सेवाएं ली हैं।
दुनिया की सबसे युवा वेब डिजाइनर
रिपोर्ट्स के अनुसार श्रीलक्ष्मी दुनिया की सबसे युवा वेब डिजाइनर और दुनिया के सबसे युवा सीईओ की कटेगरीज में से एक हैं। हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि उनकी मंशा जल्दी ही दुनिया की टाॅप आईटी कंपनी की लिस्टिंग में अपनी कंपनी का नाम शामिल करना है। वह बताती हैं कि कैसे उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।
सफलता उम्र की मोहताज़ नहीं
श्रीलक्ष्मी की सफलता यह बताती है कि सफलता उम्र की मोहताज़ नहीं है। बस व्यक्ति के अंदर कुछ कर गुजरने की क्षमता होनी चाहिए। आज की युवा पीढ़ी के लिए वह एक सफलतम उदाहरण हैं। जहां, छोटी सी उम्र में उन्होंने वेब डिजाइन कंपनी की नींव डाल दी और अब लक्ष्य बेस्ट आईटी कंपनी के बेस्ट सीईओ का ख़िताब अपने नाम करने का है।