लखनऊ। कहते हैं, “खाना सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि सपनों को भी सींचता है।” यही सोच लेकर लखनऊ की शालिनी लाल ने अपनी ज़िंदगी की दिशा तय की। आज वे न केवल एक सफल सामाजिक उद्यमी हैं, बल्कि ‘Lucknow Chefs’ नामक फ़ेसबुक कम्युनिटी के ज़रिए हज़ारों घरेलू महिला शेफ्स की ज़िंदगी बदल चुकी हैं।
बचपन की सीख, जिसने बदल दी ज़िंदगी
शालिनी का बचपन साधारण था, लेकिन उनके पिता की सीख ने उन्हें असाधारण बना दिया। एक समय ऐसा था जब शालिनी लौकी (घीया) खाना बिल्कुल पसंद नहीं करती थीं। तब उनके पिता ने लगातार तीन दिन तक उन्हें लौकी खाने को कहा और एक अमूल्य सबक दिया: “आज तुम्हारे पास अपनी पसंद का खाना खरीदने के पैसे हैं, लेकिन ज़िंदगी में ऐसा समय भी आ सकता है जब विकल्प नहीं होंगे। इसलिए हर खाने का सम्मान करना सीखो।” इस एक वाक्य ने शालिनी के भीतर खाने के प्रति गहरा सम्मान और सामाजिक जुड़ाव पैदा कर दिया। उन्होंने ठान लिया कि वे ऐसी महिलाओं के लिए मंच बनाएंगी, जिनके पास हुनर है लेकिन पहचान नहीं।
Lucknow Chefs: एक फ़ेसबुक ग्रुप से शुरू हुआ क्रांति का सफर
2016 में शालिनी ने ‘Lucknow Chefs’ नामक एक फ़ेसबुक ग्रुप की शुरुआत की। शुरुआत में इसका उद्देश्य केवल रेसिपी शेयर करना था, लेकिन धीरे-धीरे यह महिला उद्यमिता का बड़ा मंच बन गया। यहाँ महिलाओं को: अपनी पकाने की कला दिखाने का मौका मिला कुकिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर मिला ऑर्डर्स और इवेंट्स के लिए काम मिलने लगा कमाई और पहचान दोनों बढ़ी आज इस ग्रुप से हज़ारों घरेलू शेफ्स जुड़ चुकी हैं, जो न केवल अपनी पहचान बना रही हैं बल्कि अपने परिवार की आर्थिक स्थिति भी सुधार रही हैं।
रणवीर ब्रार की सलाह बनी टर्निंग पॉइंट
शालिनी की मुलाकात एक इवेंट के दौरान सेलेब्रिटी शेफ रणवीर ब्रार से हुई। बातचीत के दौरान रणवीर ने उनसे कहा: “शालिनी जी, आप सोशल एंटरप्रेन्योर हैं, क्यों न आप घरेलू शेफ्स के लिए कुछ करें?” बस, यही वह क्षण था जिसने Lucknow Chefs की असली शुरुआत की। इस कम्युनिटी ने लखनऊ की फूड इंडस्ट्री में एक क्रांति ला दी।
महिला सशक्तिकरण का नया मॉडल
Lucknow Chefs ने यह साबित कर दिया कि सोशल मीडिया केवल कनेक्शन के लिए नहीं, बल्कि करियर बनाने के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है। पहले जहाँ महिलाएँ घर तक सीमित थीं, आज वे रेस्टोरेंट्स, होटलों, कैटरिंग और ऑनलाइन फूड डिलीवरी में अपनी पहचान बना रही हैं। यह कम्युनिटी आर्थिक आज़ादी के साथ-साथ आत्मविश्वास भी देती है।
भविष्य की बड़ी योजनाएँ
शालिनी यहीं नहीं रुकने वालीं। उनकी नज़र अब बड़े लक्ष्यों पर है:
- महिलाओं द्वारा संचालित रेस्टोरेंट
शालिनी एक ऐसा रेस्टोरेंट खोलना चाहती हैं, जिसे पूरी तरह महिलाएँ संभालेंगी — किचन से लेकर मैनेजमेंट तक।
- मोबाइल फ़ूड ट्रक्स
वह महिला शेफ्स द्वारा चलाए जाने वाले मोबाइल फ़ूड ट्रक्स शुरू करना चाहती हैं, जो ऑफिस कर्मचारियों को घर जैसा खाना उपलब्ध कराएँगे।
- कुलिनरी अकादमी
शालिनी एक कुलिनरी अकादमी भी शुरू करने की तैयारी में हैं, जहाँ महिलाएँ पाक-कला की ट्रेनिंग लेकर अपने शौक को करियर में बदल सकें।

सम्मान और उपलब्धियाँ
शालिनी की मेहनत और समर्पण को कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाज़ा गया है:
- Ansh Foundation Award
- Stri Samman Award (Aastha Foundation)
- Veerangna Samman (Ummeed Foundation)
ये पुरस्कार न केवल उनकी मेहनत का सम्मान हैं, बल्कि उन हज़ारों महिलाओं की जीत भी हैं, जो उनके कारण नए सपने देख रही हैं।
शालिनी लाल की सीख
शालिनी मानती हैं कि सपने देखने से ज़्यादा ज़रूरी है उन्हें जीने की हिम्मत रखना।
उनके शब्दों में: “सबसे बड़ी सीख किताबों में नहीं, बल्कि ज़िंदगी के अनुभवों में मिलती है। अगर आप दिल से मेहनत करते हैं, तो दुनिया आपको पहचानने लगती है।” आज भी शालिनी अपने पति के हाथों बने चिली चिकन और शाही ज़र्दा को बड़े प्यार से खाती हैं, क्योंकि उनके लिए खाना सिर्फ स्वाद नहीं, एक भावनात्मक जुड़ाव है।
शालिनी की कहानी क्यों खास है
- क्योंकि उन्होंने महिला सशक्तिकरण को असल मायनों में साकार किया
- क्योंकि उन्होंने सोशल मीडिया को बिज़नेस टूल में बदला
- क्योंकि उन्होंने फूड इंडस्ट्री में नया बिज़नेस मॉडल दिया
- क्योंकि उनकी वजह से हज़ारों महिलाओं की पहचान बनी