Malappuram Old Lady Life Story: विश्व की सबसे बुज़ुर्ग़ जीवित व्यक्ति केरल के वैलंचेरी की रहने वाली महिला कुन्हीत्तुम्मा हैं। 120 वर्ष से कुछ महीने अधिक है। आधार कार्ड डिटेल्स के अनुसार, कुन्हीत्तुम्मा का जन्म 2 जून, 1903 को हुआ था।
वहीं गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मुताबिक स्पेन की मारिया ब्रान्यास मोरेरा विश्व की सबसे बुज़ुर्ग जीवित महिला और व्यक्ति है। लेकिन, वो 4 मार्च, 1907 में पैदा हुई थीं. मोरेरा 8 सितंबर को 116 साल और कुछ दिन की हुई हैं. यानि कुन्हीत्तुम्मा से वो चार साल और 122 दिन छोटी हैं।

इससे यही साबित होता है कि Guinness World Records वाले कुन्हीत्तुम्मा के बारे में नहीं जानते होगें। खास बात तो ये है कि इतनी उम्र होने के बाद भी कुन्हीत्तुम्मा दूसरों से आराम से बातचीत करती हैं.. हालांकि 115 साल की उम्र से ही वो चलने-फिरने के लिए व्हीलचेयर का इस्तेमाल करती आ रही हैं। आपको बता दें की कुन्हीत्तुम्मा चावल का दलिया खाती हैं।
बता दें कि, कुन्हीत्तुम्मा ने एक मदरसे से धार्मिक शिक्षा प्राप्त की। अपनी शिक्षा के बारे में उन्होंने कहा, ”मुझे स्कूल जाने का मौका नहीं मिला। अब, इस उम्र में मुझमें सीखने की क्षमता नहीं है।”

कुन्हीत्तुम्मा जब 17 साल की थी तब उनकी शादी सैदाली से हुई थी। उनके 13 बच्चे थे.. जिनमें से वर्तमान में, केवल चार ही जीवित हैं।
कुन्हीत्तुम्मा के छोटे बेटे ने बताया कि, “वो हमें बताती थी कि 1921 के मालाबार विद्रोह के दौरान आस-पास के इलाकों से गोलियों की आवाज़ सुनकर वो डर गई थीं। वो अपने घर के पास खेतों में बकरियां चरा रही थी। उन्होंने एक बार यह भी बताया था कि कैसे उनके दादा को ख़िलाफत आंदोलन के दौरान ब्रिटिश सैनिकों ने पकड़ लिया था और चार महीने बाद रिहा कर दिया था।”
हम यहीं आशा करते हैं कि गिनीज़ बुक वालों की नज़र भी वैलंचेरी की कुन्हीत्तुम्मा पर पड़े और उन्हें सबसे उम्र वाले जीवित इंसान का ऑफ़िशियल रिकॉर्ड बनाने का पूरा मौक़ा मिले।
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